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तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के नीट छूट विधेयक को वापस करने के फैसले का विरोध करते हुए द्रमुक और कांग्रेस सांसदों ने शुक्रवार को राज्यसभा से बहिर्गमन किया।
सांसद शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाना चाहते थे, लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू सहमत नहीं थे, और उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान इस मामले को उठाने के लिए कहा।
सदस्य राज्य को राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) से छूट देने वाले विधेयक को विधानसभा अध्यक्ष के पास वापस करने के राज्यपाल के फैसले का विरोध कर रहे थे।
विपक्षी सांसद भी इस मामले पर चर्चा के लिए सदन के वेल में आए, लेकिन नायडू ने उन्हें अनुमति नहीं दी, जिन्होंने उनसे कार्यवाही में खलल न डालने के लिए कहा। द्रमुक ने इस मुद्दे को उठाने पर जोर दिया, जबकि कुछ सदस्य अपने शून्यकाल के मामलों पर बोल रहे थे।
विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस मुद्दे पर बोलना चाहते थे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई।
नायडू ने कहा कि लोग खुश महसूस कर रहे हैं कि राज्यसभा बिना किसी व्यवधान के काम कर रही है और सदस्य अपनी बात रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि शून्यकाल के 14 उल्लेखों को 30 मिनट में लिया गया और यदि अन्य लोगों ने सहयोग किया होता तो शेष तीन पर भी विचार किया जाता।
राज्यसभा के नियम 267 के तहत एक विपक्षी सदस्य द्वारा मामले को उठाने के लिए एक नोटिस सभापति द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था।
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