ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
सौरभ मलिक
चंडीगढ़, 28 जनवरी
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मौत की सजा पाए कैदी बलवंत सिंह राजोना को शुक्रवार को अपने दिवंगत पिता के “भोग” समारोह में शामिल होने के लिए जमानत दे दी।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की 1995 की हत्या के लिए 27 जुलाई, 2007 को मौत की सजा सुनाई गई पंजाब पुलिस के पूर्व कांस्टेबल राजोना ने अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
शुक्रवार को जस्टिस अजय तिवारी और पंकज जैन की बेंच ने उनकी याचिका का निपटारा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि उन्हें 31 जनवरी को दोपहर 1 से 2 बजे तक पर्याप्त पुलिस एस्कॉर्ट के साथ समारोह में शामिल होने की अनुमति दी जाए।
राजोना, जिन्होंने वकील विवेक के ठाकुर के माध्यम से अपनी याचिका प्रस्तुत की, उनके पिता ही एकमात्र थे जो उनकी देखभाल कर रहे थे और जेल में बिताए 26 वर्षों में अक्सर उनसे मिलने आते थे, और उन्हें उपस्थित होने की अनुमति दी जानी चाहिए उसका अंतिम संस्कार। हालाँकि, उस अनुरोध को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि मौत की सजा वाले कैदी को पैरोल नहीं दी जा सकती।
राजाओना के वकील ठाकुर ने तब तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह की परिस्थितियों में एक मौत की सजा के दोषी को पुलिस एस्कॉर्ट के साथ अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल दी थी।
पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह 31 अगस्त, 1995 को पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर एक विस्फोट में मारे गए थे। इस विस्फोट में आत्मघाती हमलावर दिलावर सिंह सहित 17 लोग मारे गए थे।
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