कानपुर के चर्चित बिकरू कांड की आरोपी खुशी दुबे की मां गायत्री तिवारी विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं। गायत्री ने सोमवार को सपा नेता के कार्यालय में स्पष्ट कहा कि उनकी प्राथमिकता खुशी को न्याय दिलाना है। अगर समाजवादी पार्टी न्याय दिलाने का आश्वासन दे रही है और अखिलेश यादव चुनाव लड़ने के लिए कहते हैं तो वे तैयार हैं।
सपा नेताओं ने गोविंदनगर सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा है। बिकरू कांड में पुलिस ने विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया था। इनमें विकास दुबे का खास अमर दुबे भी शामिल था। पुलिस ने खुशी दुबे पर हत्या, लूट व डकैती सहित 17 धाराएं लगाकर जेल भेजा था।
उस समय तमाम नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए थे। क्योंकि वारदात से दो दिन पहले ही खुशी की शादी हुई थी। बताया जा रहा कि कुछ दिन पहले कांग्रेस ने विकास दुबे की पत्नी से भी चुनाव लड़ने के लिए संपर्क किया था लेकिन पार्टी ने फैसला बदल दिया।
सोमवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खास मेजर आशीष चतुर्वेदी ने सपा के स्थानीय नेता वरुण मिश्रा के कार्यालय पर गायत्री तिवारी से चुनाव लड़ने के संबंध में बात की। उन्हें आश्वासन भी दिया गया कि यदि प्रदेश में सपा की सरकार बनती है तो एक महीने के भीतर खुशी दुबे को जेल से रिहा करा दिया जाएगा। इस बात पर गायत्री तिवारी ने कहा कि अगर ऐसा है तो वह सपा के टिकट से चुनाव लड़ने को तैयार हैं।
भाजपाई हुए चौकन्ने
खुशी दुबे की मां गायत्री तिवारी को सपा के टिकट पर गोविंदनगर से चुनाव लड़ने की चर्चा पर भाजपा भी सक्रिय हो गई है। बताया जा रहा है कि भाजपाई इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि जैसे ही सपा खुशी की मां का नाम घोषित करती है, पार्टी के लोग फिर से सपा को अपराधियों को टिकट देने वाली पार्टी बनाने के मुद्दे को तेज कर सकते हैं। इतना ही नहीं भाजपा सपा की तरफ से सोमवार को जारी की गई प्रत्याशियों के पिछले इतिहास का पता लगाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने में जुटी है।
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