लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अखाड़े में तमाम प्रत्याशी अपने दावे ठोक रहे हैं। यह कोई नई बात नहीं है कि किसी एक सीट पर एक ही पार्टी से जुड़े दो उम्मीदवार टिकट की दावेदारी करें। लेकिन अगर यह उम्मीदवारी पति और पत्नी दोनों ही की तरफ से आ जाए तो फिर मामला दिलचस्प हो जाता है। बात हो रही है लखनऊ के सरोजिनी नगर विधानसभा सीट की, जहां प्रत्याशी का चयन करना भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया है।
बीजेपी की इस मुश्किल की वजह है योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह और उनके पति बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह। दोनों ही एक ही सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। दयाशंकर सिंह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले 2016 में बहुजन समाज पार्टी के नेताओं ने उनकी पत्नी और बेटी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। इसके बाद स्वाति सिंह सामने आई और बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में उन्हें लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से प्रत्याशी बना दिया।
बीजेपी के लिए सबसे मुश्किल सीटों में से एक मानी जा रही इस सीट पर जीत दर्ज करने का पुरस्कार स्वाति को मिला और उन्हें योगी आदित्यनाथ की सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया। वहीं दयाशंकर सिंह यूपी बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष है और ओबीसी मोर्चा के इंचार्ज भी हैं। अब इस चुनाव में बीजेपी के सामने दिक्कत यह है कि दोनों ही पति और पत्नी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।
सरोजिनी नगर विधानसभा इलाके में पिछले कुछ दिनों में स्वाति सिंह और दया शंकर सिंह दोनों के ही पोस्टर और बैनर लगे नजर आए दयाशंकर सिंह बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार होते हैं और हाल ही में समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को बीजेपी में लाने में के पीछे दयाशंकर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
इस बीच सोशल मीडिया पर स्वाति का एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी वायरल हुआ है। इसमें स्वाति सिंह एक व्यक्ति से बात करते हुए अपनी पीड़ा भी बता रही हैं। वहीं बातचीत में स्वाति सिंह अपने पति दयाशंकर सिंह पर मारपीट और प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगा रही हैं। हालांकि नवभारत टाइम्स ऑनलाइन इस ऑडियो रिकॉर्डिंग की पुष्टि नहीं करता है। वहीं इस वायरल ऑडियो के संबंध में स्वाति सिंह और दयाशंकर सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन बातचीत नहीं हो सकी।
स्वाति और दयाशंकर के बीच टिकट को लेकर गतिरोध तेज हुआ तो यहां से किसी तीसरे को मौका दिए जाने की अटकलें हैं। यहां से पूर्व सीएम कल्याण सिंह के करीबी माने जाने वाले राजेश सिंह चौहान भी दावेदारी कर रहे हैं। वहीं, मंत्री महेंद्र सिंह को लेकर भी अटकलें हैं। पार्षद रहे चुके गोविंद पांडेय और रमाशंकर त्रिपाठी भी कतार में हैं। वहीं, 2013 में निर्दल पार्षद बनकर बीजेपी जॉइन करने वाले सौरभ सिंह मोनू भी टिकट का दावा कर रहे हैं। इसके अलावा जिला बीजेपी में अहम जिम्मेदारियां निभा चुके रामकुमार सिंह चौहान को भी दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है।
स्वाति और दयाशंकर सिंह (फाइल फोटो)
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