UP Chunav: गाजियाबाद में वोटबैंक को साध रहे प्रत्याशी, कड़े मुकाबले के साथ बिगड़ सकता है खेल – Lok Shakti
November 2, 2024

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UP Chunav: गाजियाबाद में वोटबैंक को साध रहे प्रत्याशी, कड़े मुकाबले के साथ बिगड़ सकता है खेल

अखंड प्रता‍प सिंह, गाजियाबाद: जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर इस बार कड़ा मुकाबला होनी की संभावना, लेकिन सबसे ज्यादा फोकस मुरादनगर सीट पर होने वाला है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सभी विधानसभा की तुलना मुरादनगर में प्रत्याशियों का ठीक-ठाक वोटबैंक है। साथ ही उन्हें प्रमुख राजनीतिक दलों से टिकट मिला है। लोनी में भी रंजीता धामा के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन बाद वहां मुकाबला रोचक हो गया है। वह बीजेपी के वोटबैंक के साथ जातीय वोटबैंक में सेंध लगाने का काम करेंगी। गाजियाबाद विधानसभा की बात करें तो यहां बीजेपी और बसपा के बीच मुकाबला रहेगा, जबकि साहिबाबाद में सपा और बीजेपी के बीच होने की संभावना है। मोदीनगर विधानसभा में बीजेपी और रालोद के बीच टक्कर होने की बात की जा रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कुछ सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। चुनाव का रिजल्ट किसी भी तरफ जा सकता है।

मुरादनगर में एक-दूसरे के वोटबैंक में लगा रहे सेंध
मुरादनगर विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर प्रत्याशी एक दूसरे के वोटबैंक में सेंध लगाने में जुटे हैं। सपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी बीजेपी प्रत्याशी से नाराज चल रहे लोगों से संपर्क कर रहे हैं। ऐसे ही कांग्रेस प्रत्याशी यहां पर सपा के यादव वोटबैंक में जातीय समीकरण को सेट करने में लगे हैं। वहीं, बीजेपी प्रत्याशी अपने पुराने वोटबैंक को सुरक्षित करने साथ रालोद के वोटबैंक को सेट कर रहे हैं, जबकि बसपा प्रत्याशी मुस्लिम होने के साथ सपा के मुस्लिम वोटबैंक के अलावा जातीय समीकरण के आधार पर मुस्लिम वोट को अपनी तरफ करने में लगे हैं।

ओबीसी वोट अधिक है यहां
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मुरादनगर विधानसभा में सबसे अधिक वोटर ओबीसी है, जबकि त्यागी और जाट वोटरों की संख्या ठीक-ठाक है। लंबे समय से त्यागी वोटबैंक और अन्य जातियों के सपोर्ट से राजपाल त्यागी करीब 30 साल तक सत्ता में बने रहे। इसमें पार्टी के साथ ही निर्दलीय वह चुनाव जीत चुके हैं।

मोदीनगर से बीजेपी लगा चुकी है हैट्रिक
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, मोदीनगर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने लगातार 3 बार चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई है। इसमें 1993 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र सिंह सिसोदिया विधायक चुने गए। उन्होंने 3 बार के विधायक रहे जनता दल के सुखबीर सिंह को हराया था। 1996 के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र सिंह सिसोदिया दूसरी बार भाजपा के विधायक चुने गए। उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राम आसरे शर्मा को हराया था। 2002 के विधानसभा चुनाव में नरेंद्र सिंह सिसोदिया लगातार तीसरी बार भाजपा के विधायक चुने गए। उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार धर्म सिंह तोमर को हराया था।