पाकिस्तान से मदद पाकर खालिस्तान समर्थक आतंकवादी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार को सिख विरोधी बताने के लिए प्रोपेगेंडा का सहारा ले रहे हैं। इसके तहत अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में सुनियोजित तरीके से अभियान चला रहे हैं। लेकिन इस अभियान के खिलाफ खुद सिख समुदाय उठ खड़ा हुआ है। ब्रिटेन में रहने वाले सिख समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करते हुए सिखों के हित में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की तारीफ की।
रविवार को ब्रिटेन के साउथहॉल के पार्क एवेन्यू में स्थित गुरुद्वारा गुरु सभा में सिख समुदाय के नेताओं ने बैठक की, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और भारत के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस दौरान सिख समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि उनकी सरकार ने सिखों के लिए और उनकी गलतफहमी को दूर करने के लिए बहुत कुछ किया है। सिख समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित करने के लिए भी उनको धन्यवाद दिया।
इस दौरान बैठक में शामिल सिख नेताओं और गुरुद्वारा समिति के पदाधिकारियों ने खालिस्तानियों द्वारा भारत और मोदी सरकार के खिलाफ चलाये जा रहे प्रोपेगेंडा अभियान को खुलकर चुनौती दी। ब्रिटेन के स्थानीय सिख समुदाय द्वारा भारत के समर्थन में पारित किए प्रस्ताव को एक साहसिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि प्रवासी सिख समुदाय खालिस्तानी प्रोपेगेंडा के खिलाफ अब तक मौन था। ब्रिटेन में रहने वाले सिख समुदाय की इस पहल से विदेशों में खालिस्तानी प्रोपेगेंडा के खिलाफ अभियान को और मजबूती मिल सकती है।
गौरतलब है कि ब्रिटिश सिख एसोसिएशन (बीएसए) ने 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री मोदी का काफिला रोके जाने की घटना पर खेद जाहिर किया था। बीएसए के चेयरमैन लॉर्ड रामी रेंजर ने एक प्रेस रिलीज के जरिए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा पंजाब के विकास के लिए बहुत बड़ा अवसर था। उन्होंने यहां तक कहा कि सिख गुरुओं की शिक्षा के प्रसार और पंजाब के विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जितना काम किया है, उतना आजतक किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया है।
लॉर्ड रामी रेंजर ने कहा कि गुमराह हुए जिन लोगों ने उनकी यात्रा को बाधित किया, उन्हें महसूस होना चाहिए कि वे राज्य की और भलाई करने के लिए दौरे पर आ रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा को बाधित करके उन्होंने पूरे पंजाब के विकास को अवरुद्ध करने का काम किया है। मैं पंजाब के नेताओं से आग्रह करता हूं कि यात्रा बाधित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से स्पष्ट तौर पर खेद जताएं। प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा शुभ दिन गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर की।
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