Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Prabhu Dayal Katheria: बीजेपी से तीन बार सांसद रहे प्रभुदयाल कठेरिया ने दिया पार्टी से इस्तीफा, बेटे को आप से लड़ाएंगे चुनाव

सुनील साकेत, आगरा
उत्तर प्रदेश चुनाव में नेताओं की भगदड़ ने सियासी सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। सोमवार को बीजेपी से तीन बार सांसद रहे प्रभु दयाल कठेरिया (Prabhu Dayal Katheria) ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने अपने आवास पर इसकी घोषणा की है। प्रभुदयाल कठेरिया पार्टी के शीर्ष नेताओं से काफी नाराज दिखाई दिए। उन्होंने अपने बेटे को आम आदमी पार्टी (AAP) से चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया है। सोमवार को उन्होंने अपने बेटे अरुण कांत कठेरिया का नामाकंन पत्र भी जमा कराया है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। आगरा की सभी नौ विधानसभा सीट पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी नेताओं में रार मची है। आगरा की पांच विधानसभा सीटों पर पार्टी ने नये चेहरों को मौका दिया है। टिकट कटने और टिकट न मिलने पर दोनों स्तर के नेता बगावती तेवर दिखा चुके हैं। बड़ा सवाल यह है कि ये नेता पार्टी का कहां तक नुकसान पहुंचा सकते हैं, ये तो आगामी चुनाव परिणामों से ही पता चलेगा। बहरहाल आगरा में सियासत का बाजार गर्म है। प्रभुदयाल कठेरिया के आवास पर आम आदमी पार्टी के नेताओं की भीड़ जुटी है।

2012 से लगातार मांग रहे थे टिकट
पूर्व सांसद प्रभुदयाल कठेरिया ने बताया कि वे पिछले 30 साल से पार्टी में सेवा कर रहे हैं। उन्होंने अपने लिए 2012 से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांग रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन देते रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे जूनियर हैं। मैं अटल बिहारी वाजपेई का शिष्य हूं। बीजेपी को उस चुनाव जिताया था, जब पार्टी का वजूद नहीं था। वर्ष 1991 से लेकर लगातार 10वीं, 11वीं और 12वीं लोकसभा का चुनाव जीता हूं, अगर पार्टी उन्हें और उनके समाज का लगातार तिरस्कार करेगी तो इसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ेगा।

बेटे को आप से लड़ाएंगे चुनाव
प्रभुदयाल कठेरिया ने आगरा की ग्रामीण विधानसभा सीट से अपने बेटे अरुण कांत कठेरिया का नामांकन पत्र दाखिल किया है। अरुण कांत आम आदमी पार्टी से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। प्रभुदयाल कठेरिया का कहना है कि आगरा में दो सुरक्षित सीट हैं, लेकिन उनके समाज के किसी नेताओं को टिकट नहीं दिया गया है। उत्तर प्रदेश में कठेरिया समाज के आठ से 10 लाख वोट हैं।