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Editorial: रक्षाक्षेत्र में मोदी सरकार की नई योजनाएं, मेक इन इंडिया को मिले बढ़ावा

13-1-2022

नरेन्द्र मोदी ने रक्षा क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। इसके तहत मोदी सरकार अब विदेशों से आयात होने वाले हथियारों व परियोजनाओं पर विराम लगाने को लेकर योजना बना रही है। इसके लिए मोदी सरकार नई रक्षा उत्पादन और निर्यात संवर्धन नीति लेकर आ रही है, जो देश के भीतर रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देगी। प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत रूप से रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को प्राथमिकता देने के लिए और ठोस कदम उठाए जाएं।

पिछले महीने दिसंबर में रक्षा सचिव अजय कुमार की अध्यक्षता में हुई रक्षा मंत्रालय की आंतरिक बैठक में इस बात की सैद्धांतिक सहमति बनी कि भारत आगे से रक्षा उपकरणों का आयात नहीं करेगा। इसके बाद पिछले एक महीने से इस मुद्दे पर व्यापक रूप से समीक्षा बैठक हो रही है। विदेश से लंबित सभी तरह की रक्षा खरीद योजना की समीक्षा की जा रही है। यह समीक्षा 15 जनवरी तक पूरी की जानी है। मंत्रालय ने संकेत दिया है कि सिर्फ तत्काल या इमरजेंसी की स्थिति में ही विदेश से रक्षा उपकरण खरीदे जाएंगे। बाकी सभी लंबित खरीद को या तो निरस्त कर दिया जाएगा या इसमें कटौती कर दी जाएगी। 

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इमरजेंसी खरीद के लिए भी केवल स्वदेशी वस्तुओं पर जोर दिया है। अगर किसी रक्षा उपकरण की विदेश से खरीद की अत्यंत आवश्यकता है, तो अपवादस्वरूप केवल रक्षा मंत्री ही इस पर निर्णय ले सकते हैं। इस फैसले से विदेश से कई खरीद पर असर पड़ेगा लेकिन रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा भारत में निजी क्षेत्रों को स्वदेशी निर्माण के लिए ऑर्डर मिलेंगे।

मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भारतीय रक्षा कंपनियों को कई हजार करोड़ की परियोजनाएं दी जाएंगी। इस निर्णय का मतलब यह होगा कि भारतीय नौसेना, वायु सेना और सेना की बड़ी संख्या में परियोजनाएं प्रभावित होंगी, जिनमें भारतीय नौसेना की कामोव हेलीकॉप्टर अधिग्रहण जैसी परियोजना काफी उन्नत अवस्था में हैं। लेकिन मोदी सरकार ने इन प्रभावों के बावजूद मेक इन इंडिया को आगे बढ़ने का फैसला किया है।