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UP Chunav: कल्याण और अजीत सिंह के बिना वेस्ट यूपी में होगा चुनावी दंगल, बीजेपी, आरएलडी के सामने ये होगी चुनौती

मेरठ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (up assembly election) 2022 में इस बार काफी बदलाव देखने को मिलेगा। वेस्ट यूपी (west up) को बड़े दिग्गजों की गैरमौजूदगी और उनकी ठोस रणनीति बगैर यहां चुनावी जंग होगी। अजित सिंह (ajeet singh) के बिना जयंत सिंह को वेस्ट में अपनी सियासी चौधराहट साबित करने का दबाव होगा। पिता के बिना पहला चुनाव जयंत की अगुवाई में आरएलडी लड़ेगी। पश्चिम के दूसरे दिग्गज कल्याण सिंह (kalyan singh) के बिना वेस्ट यूपी में बीजेपी पर पार्टी का सियासी कल्याण करने का दबाव होगा। उनके पुत्र सांसद राजवीर सिंह और पौत्र मंत्री संदीप सिंह पर कमल खिलाने का जिम्मा रहेगा।

अजित सिंह के परिवार का वेस्ट यूपी में सियासी दबदबा रहा हैं। उनके पिता चौधरी चरण सिंह इसी जमीं से सियासी दांव पेंच लड़ाते हुए देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। खुद अजित सिंह केंद्र में कई बार मंत्री बने। उनके पुत्र चौधरी जयंत सिंह सांसद और विधायक रहे। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद वेस्ट में बिगड़ा सामाजिक ताना बाना इस परिवार और उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल को कमजोर कर गया।
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हार का करना पड़ा सामना
2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में अजित सिंह और जयंत सिंह को हार का सामना करना पड़ा। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बुरी गत हई। अजित सिंह का कोरना की दूसरी लहर में निधन हो गया। अब जयंत सिंह पर पार्टी का जिम्मा हैं। अजित सिंह के बिना 2022 का चुनाव आरएलडी का पहला होगा। जयंत पर रिजल्ट देने की बड़ी जिम्मेदारी होगी, खासकर किसान आंदोलन के बाद आरएलडी को वेस्ट में मजबूत माना जा रहा हैं।
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दूसरी तरफ वेस्ट यूपी में पिछड़ों के मजबूत चेहरे बीजेपी के दिग्गज नेता पूर्व सीएम कल्याण सिंह की गैरमौजदगी में यह चुनाव होगा। अभी तक बीजेपी वेस्ट यूपी वेस्ट यूपी में हर चुनाव में कल्याण की पसंद के लोगों को टिकट देने में वरीयता देत रही हैं। वह खुद भी वेस्ट यूपी से ही चुनाव जीतते रहे हैं। उनके कई समर्थक अभी भी एमपी एमएलए हैं। उनके पुत्र राजवीर सिंह सांसद हैं।

पौत्र संदीप सिंह विधायक है और योगी सरकार में मंत्री हैं। कल्याण सिंह की गैरमौजूदगी में इस चुनाव में पिछड़ों का साथ बीजेपी के साथ बरकरार रखने के लिए पिता पुत्र राजवीर और संदीप पर दबाव रहेगा। माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के बाद वेस्ट यूपी पर पूरा फोकस करने वाली बीजेपी कल्याण सिंह की कमी को पूरा करने के लिए भी जुटी हैं।

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