UP Election Ground Report: परशुराम मंदिर का फरसा गिरा तो SP के लोगों ने तिरपाल से ढांका, मीडिया से कहा- रिपेयरिंग हो रही – Lok Shakti

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UP Election Ground Report: परशुराम मंदिर का फरसा गिरा तो SP के लोगों ने तिरपाल से ढांका, मीडिया से कहा- रिपेयरिंग हो रही

महुरा कलां गांव, लखनऊ से
2 जनवरी 2022 को वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से बुलाए गए पंडितों और डमरू की आवाजों के सामने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भगवान परशुराम की एक प्रतिमा की स्थापना की थी। लखनऊ मेंं पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे के महुरा कलां गांव में इस प्रतिमा को सुलतानपुर के पूर्व विधायक संतोष पांडेय ने स्थापित कराया था। इस मूर्ति के सामने स्थापना के दिन ही एक विशाल फरसा लगाया गया था। फरसा भगवान परशुराम का शस्त्र है और इसे यहां पर ब्राह्मणों के प्रतीक के रूप में स्थापित किया गया था। 8-9 जनवरी को आई एक आंधी में ये फरसा अपने लोकार्पण के 6 दिन बाद ही गिर गया, जिसे अब ठीक कराया जा रहा है।

भगवान परशुराम के इस मंदिर की स्थापना के जरिए अखिलेश यादव ने ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की थी। मंदिर की स्थापना के दिन विजय यात्रा लेकर अखिलेश यादव महुरा कलां गांव तक आए थे। सुलतानपुर के लंभुआ इलाके से पूर्व विधायक संतोष पांडेय समेत तमाम लोगों ने इस दिन एक भव्य आयोजन कराया था। आयोजन के लिए काशी से पंडितों को भी आमंत्रित किया गया। हालांकि 6 दिन बाद ही मंदिर के सामने लगा फरसा आंधी से उखड़ गया।

परशुराम मंदिर के सामने गिरा हुआ फरसा

रात के वक्त आंधी से गिरा फरसा
हम महुरा कलां गांव में इस मंदिर का पता पूछने के लिए जब कुछ स्थानीय लोगों से रास्ता पूछने पहुंचे तो उन्होंने कहा कि ये फरसा रात के वक्त आंधी से गिर गया था। पास के अमेठी गांव के एक बुजुर्ग ने कहा, ना जाने काहे अइसन काम कराए हैं। जौन फरसा इतना ऊंचा लगाएन, गिर जाए के बाद ओहका तिरपाल से ढांक देहेन हैं। (ऐसा काम करने का क्या फायदा है, इतना ऊंचा फरसा लगवा दिए और जब वो गिर गया तो उसको तिरपाल से ढांक दिए )

काशी से बुलाए गए पंडित, डमरू बजाने वाले
भगवान परशुराम के इस मंदिर के तरफ जाने वाला रास्ता अभी पक्का नहीं बना है। मंदिर जयपुर से लाए पत्थर से बना है, हालांकि सजावट के लिए जो पुराने फूल 2 जनवरी को लगे थे, 6 दिन बाद भी वही लगे दिखे। मंदिर पर मौजूद परशुराम चेतना पीठ के कुछ लोगों ने बताया कि आसपास वेदशाला, योग विद्यालय और आश्रम जैसा कुछ बनाने की योजना है। गिरे हुए फरसे के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इसकी रिपेयरिंग का काम कराया जा रहा है। इसपर फोकस लाइट्स लगेंगी, जो कि दूर से दिख सकें।

बीजेपी का निशाना
ब्राह्मण वोटों की सियासत कर रही बीजेपी और एसपी प्रतीकों पर राजनीति करने की कोशिश में है। बीजेपी ने भगवान परशुराम के प्रतीक के रूप में लगाए गए इस फरसे के गिरने को ब्राह्मणों का अपमान कहा है। वहीं एसपी के लोग इसे सिर्फ एक दुर्घटना और रिपेयरिंग का काम बताकर ही आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। ये जरूर है कि जहां परशुराम प्रतिमा की स्थापना हुई है, उसके अगल-बगल रिहाइशी प्रॉजेक्ट्स बनाने पर काम चल रहा है। ऐसे में इस मंदिर का धार्मिक महत्व चाहे जो हो, लेकिन भगवान परशुराम की इस प्रतिमा ने एक बार फिर यूपी में ब्राह्मणवाद की बहस छेड़ दी है।

महुआ कलां गांव में बना परशुराम मंदिर