सुमित शर्मा, कानपुर
कानपुर आउटर पुलिस का एक शर्मनाक चेहरा सामने आया है। एक किसान बीते कई दिनों से गेहूं चोरी होने की एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने के चक्कर लगा रहा था, लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं दर्ज की जा रही थी। किसान रिपोर्ट दर्ज कराने की जिद पर अड़ा था। परिजनों का आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने उसकी जमकर पिटाई की। इससे आहत होकर थाना परिसर में किसान ने जहरीला पर्दाथ खा लिया। पीड़ित की हालत बिगड़ी तो पुलिस कर्मी उसे सीएचसी ले गए। जहां से उसे उर्सला रेफर कर दिया गया। उर्सला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं, साढ़ थाना परिसर में जहरीला पदार्थ खाने से मौत के मामले में एसएसई विनीत यादव निलंबित किए गए।
साढ़ थाना क्षेत्र स्थित गोपालपुर गांव में रहने वाले अरुण कुमार गुप्ता खेती किसानी का काम करते हैं। परिवार में पत्नी पूनम, बेटी और बेटे के साथ रहते हैं। परिजनों ने बताया कि घर के बरामदे में गेहूं की बोरियां रखी थीं। बीते 4 जनवरी की रात गांव का ही एक शख्स मिथुन साइकिल पर गेहूं की बोरियां लाद रहा था, तभी पड़ोसी ने देख लिया और शोर मचा दिया। जिससे मिथुन मौके से भाग निकला। शोर सुनकर अरुण कुमार भी घर के बाहर आ गए। उन्होंने गेहूं की बोरियों की गिनती की तो एक बोरी कम थी।
पत्नी का आरोप पुलिस की पिटाई से थे आहत
अरुण कुमार ने अगले ही दिन साढ़ थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी, लेकिन उनकी तहरीर पर साढ़ पुलिस ने रिपोर्ट नहीं दर्ज की और न ही कोई कार्रवाई की। अरुण की पत्नी पूनम ने बताया कि पति बीते गुरुवार को भी थाने गए थे। जहां दारोगा और सिपाहियों ने उनकी जमकर पिटाई की थी। पति ने मुझसे कहा था कि अब खाना खाने का मन नहीं हो रहा है। पुलिस वालों ने पहले इतना खाना खिला दिया है।
अस्पताल में तोड़ा दम
शुक्रवार को अरुण फिर थाने पहुंचे और एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा। जहां उनके साथ फिर से बदसलूकी की गई। इससे आहत होकर अरुण ने थाना परिसर में ही जहरीला पदार्थ खा लिया। अरुण की हालत देखकर पुलिस कर्मियों के हाथ-पैर फूल गए। अरुण को फौरन भीतर गांव सीएचसी ले गए। सीएचसी के डॉक्टरों ने जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। परिजन और पुलिस कर्मी अकुण को उर्सला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां इलाज के दौरान ही अरुण ने दम तोड़ दिया।
अरुण की मौत की खबर जब ग्रामीणों को मिली तो वहां हड़कंप मच गया। गांव का माहौल न बिगड़े इसलिए वहां पुलिस कर्मी पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हे खदेड़ दिया। फिलहाल एहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।
मामले की जांच सौंपी गई
एसपी आउटर अजीत कुमार सिन्हा के मुताबिक, एक बोरा गेहूं के लिए साढ़ थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एफआईआर की कॉपी लेने के लिए बेटे के साथ गए थे। अचानक उनकी तबीयत खराब होने पर उनके बेटे ने थाने की बेंच पर लिटा दिया था। पुलिस को अवगत कराया गया कि पिता ने जहरीला पदार्थ खा लिया है। इलाज के दौरान उर्सला अस्पताल में मौत हो गई। पूरे प्रकरण की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को दे दी गई है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
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