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कभी पूरे एशिया में बजता था शिकोहाबाद की ‘हिंद लैम्प्स’ का डंका, आज हुई इतनी खस्ताहाल कि होने जा रही बंद

हाइलाइट्सहिंद लैम्प्स कंपनी की नींव 1951 में पड़ी थी कानपुर में रजिस्टर्ड और शिकोहाबाद इसका रजिस्टर्ड एड्रेस शिकोहाबाद इकाई का राजस्व 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में 33.46 करोड़ नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश का एक शहर शिकोहाबाद….रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क पर साइकिलों का जत्था…हर साइकिल के हैंडल पर टंगा एक टिफिन और उसे चलाता हुआ एक शख्स…गंतव्य रेलवे क्रॉसिंग के पास स्थित हिंद लैम्प्स फैक्ट्री…

शिकोहाबाद (Shikohabad) में यह नजारा उस वक्त दिखता था, जब हिंद लैम्प्स फैक्ट्री (Hind Lamps Factory) शिकोहाबाद शहर की शान हुआ करती थी। इस शहर में रहने वाले और आसपास के कुछ गांवों के कई लोग, फैक्ट्री में काम करते थे। हिंद लैम्प्स लिमिटेड नाम की कंपनी, अपने प्रॉडक्ट्स के लिए पूरे एशिया में मशहूर थी। लेकिन कहते हैं न कि वक्त बदलते देर नहीं लगती। कभी बुलंदियां छूने वाली शिकोहाबाद की हिंद लैम्प्स फैक्ट्री, आज इतनी खस्ताहाल हो चुकी है कि उसे बंद किया जा रहा है। इतना ही नहीं हिंद लैम्प्स, शिकोहाबाद के वर्कर्स को पिछले 8 माह से सैलरी भी नहीं मिली है।

शिकोहाबाद की हिंद लैम्प्स फैक्ट्री का वर्तमान में स्वामित्व बजाज इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (Bajaj Electricals) के पास है। बजाज इलेक्ट्रिकल्स, बजाज ग्रुप का हिस्सा है। बजाज इलेक्ट्रिकल्स ने साल 2018 में इस शिकोहाबाद इकाई का हिंद लैंप्स से अधिग्रहण किया था। अब बजाज इलेक्ट्रिकल्स ने अपनी इस इकाई को स्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है।

कितनी पुरानी है हिंद लैम्प्स फैक्ट्री

हिंद लैम्प्स कंपनी की नींव 1951 में पड़ी थी और उसी वक्त शिकोहाबाद यूनिट भी स्थापित हुई थी। हिंद लैम्प्स लिमिटेड कंपनी, कानपुर में रजिस्टर्ड है और शिकोहाबाद इसका रजिस्टर्ड एड्रेस है। पहले फैक्ट्री में ग्लास बल्ब, एचआईडी बल्ब और एल्यूमीनियम कैप्स बनते थे। बजाज इलेक्ट्रिकल्स के अधिग्रहण के बाद फैक्ट्री में एलईडी बल्ब, एलईडी ट्यूबलाइट भी बनने लगे। हिंद लैम्प्स फैक्ट्री केवल फैक्ट्री तक ही सीमित नहीं थी। बल्कि इसके वर्कर्स के लिए कॉलोनी, पार्क और स्कूल भी हुआ करते थे। एक गेस्ट हाउस भी हुआ करता था। फैक्ट्री में समय-समय पर विभिन्न आयोजन हुआ करते थे। लेकिन आज यह सब खत्म हो चुका है।

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क्यों बंद हो रही है फैक्ट्री
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बजाज इलेक्ट्रिकल्स ने कहा है, ‘‘उसके निदेशक मंडल की सोमवार को हुई बैठक में शिकोहाबाद इकाई के परिचालन को स्थायी रूप से बंद करने के प्रस्ताव पर विचार किया गया और इसे मंजूरी दी गई।’’ कंपनी का कहना है कि वह यह कदम इसलिए उठा रही है कि इस इकाई का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है और उसे लगातार परिचालन नुकसान हो रहा है। हालांकि, इसके पुनरुद्धार के काफी प्रयास किए गए हैं।

कितना है इस फैक्ट्री का रेवेन्यु
बजाज इलेक्ट्रिकल्स की शिकोहाबाद इकाई यानी हिंद लैम्प्स फैक्ट्री का कुल राजस्व 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में 33.46 करोड़ रुपये रहा था। बजाज इलेक्ट्रिकल्स की कुल आमदनी में उसका हिस्सा मात्र 0.72 प्रतिशत है। इस इकाई को समान अवधि में 4.44 करोड़ रुपये का कर-पूर्व घाटा हुआ था।

कभी हुआ करते थे हजारों वर्कर्स, आज सैकड़े में सिमटा आंकड़ा

फैक्ट्री में काम करने वाले एक वर्कर ने बताया कि 1990-92 के दौरान हिंद लैम्प्स फैक्ट्री में 3500 वर्कर हुआ करते थे। लेकिन जैसे-जैसे फैक्ट्री का प्रदर्शन गिरने लगा, वर्कर्स की छंटनी का दौर शुरू हो गया। कुछ वर्कर्स को वीआरएस देकर घर बैठा दिया गया। आज शिकोहाबाद हिंद लैम्प्स फैक्ट्री में वर्कर्स की संख्या सिमटकर 107 रह गई है। इसमें से भी 76 वर्कर्स की छंटनी की जा रही है।

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