दुर्लभ गिद्ध बेआवाज: जानलेवा चीनी मांझे ने छीन ली परिंदे की परवाज, दिल छू लेगी ये कहानी

यूं तो मांझे में उलझकर रोज ही न जाने कितने पक्षी मर जाते हैं लेकिन यह इजिप्शियन गिद्ध खुशनसीब है कि नेक दिल वालों की बस्ती में गिरा। मांझे ने उसके बाएं डैने (पंख) को चीर दिया और उड़ान भरने के काबिल नही छोड़ा। यह गिद्ध बस्ती में बेखौफ टहलता है।

चीनी मांझे में उलझा एक इजिप्शियन गिद्ध कुछ दिन पहले सैंट मैरी एकेडमी से सटी एक बस्ती में पेड़ से टकराता हुआ गिरा। उसके उसके डैने जख्मी थे। कैंट में रहने वाले मनोज इस गिद्ध को गिरते हुए देखा तो वह झाड़ियों में लुप्त हो गया।

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चार दिन बाद वो गिद्ध घायल अवस्था में झाड़ियों के बाहर दिखा तो मनोज उसे उठाकर घर ले आये।  पहले उसके डैनों में उलझे मांझे को काटा और फिर उसके घाव पर हल्दी लगाकर छोड़ दिया। कुछ दिन में ही उसके जख्म ठीक हो गए पर वह उड़ नही सका। अब अक्सर यह गिद्ध बस्ती में टहलता है।

पक्षी विशेषज्ञ डॉ. रजत भार्गव ने इस गिद्ध की पहचान की। उन्होंने बताया कियह इजीप्शियन गिद्ध 2007 से आईयूसीएन की लुप्तप्राय सूची में शामिल है। पूरी दुनिया में इस प्रजाति के सिर्फ 38000 गिद्ध हैं। हालांकि भारत में कभी भी इसकी आधिकारिक रूप से गिनती नही की गयी है। चूंकि मांझे से घायल है और उड़ नही पा रहा है तो यदि उचित उपचार मिल जाये तो शायद उड़ान भी भर सकता है।

विस्तार

यूं तो मांझे में उलझकर रोज ही न जाने कितने पक्षी मर जाते हैं लेकिन यह इजिप्शियन गिद्ध खुशनसीब है कि नेक दिल वालों की बस्ती में गिरा। मांझे ने उसके बाएं डैने (पंख) को चीर दिया और उड़ान भरने के काबिल नही छोड़ा। यह गिद्ध बस्ती में बेखौफ टहलता है।

चीनी मांझे में उलझा एक इजिप्शियन गिद्ध कुछ दिन पहले सैंट मैरी एकेडमी से सटी एक बस्ती में पेड़ से टकराता हुआ गिरा। उसके उसके डैने जख्मी थे। कैंट में रहने वाले मनोज इस गिद्ध को गिरते हुए देखा तो वह झाड़ियों में लुप्त हो गया।

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चार दिन बाद वो गिद्ध घायल अवस्था में झाड़ियों के बाहर दिखा तो मनोज उसे उठाकर घर ले आये।  पहले उसके डैनों में उलझे मांझे को काटा और फिर उसके घाव पर हल्दी लगाकर छोड़ दिया। कुछ दिन में ही उसके जख्म ठीक हो गए पर वह उड़ नही सका। अब अक्सर यह गिद्ध बस्ती में टहलता है।

पक्षी विशेषज्ञ डॉ. रजत भार्गव ने इस गिद्ध की पहचान की। उन्होंने बताया कियह इजीप्शियन गिद्ध 2007 से आईयूसीएन की लुप्तप्राय सूची में शामिल है। पूरी दुनिया में इस प्रजाति के सिर्फ 38000 गिद्ध हैं। हालांकि भारत में कभी भी इसकी आधिकारिक रूप से गिनती नही की गयी है। चूंकि मांझे से घायल है और उड़ नही पा रहा है तो यदि उचित उपचार मिल जाये तो शायद उड़ान भी भर सकता है।