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भारत ने फिर रचा इतिहास, 24 घंटे के भीतर दो बैलिस्टिक मिसाइलों का सफल परीक्षण

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में हर रोज नया इतिहास रचा जा रहा है। नए-नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। जो कभी असंभव लग रहा था, वो अब मेड इन इंडिया के तहत मुमकिन हो रहा है। गुरुवार (23 दिसंबर, 2021) को भी एक नया इतिहास रचा गया। भारत ने 24 घंटे के भीतर लगातार दूसरा अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय’ का ओडिशा तट के डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इसके अलावा पूरी तरह स्वदेश में बने हाई-स्पीड एक्सपैंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) ‘अभ्यास’ का भी सफल टेस्ट किया गया। भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ है

जब 24 घंटे के भीतर दो बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण हुआ हो। स्वदेशी रूप से विकसित ‘प्रलय’ मिसाइल सतह से सतह पर मार करने वाली है और 150 से 500 किलोमीटर के बीच टारगेट को तबाह कर सकती है। प्रलय’ ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर और अन्य नई तकनीक से लैस है। मिसाइल निर्देशक प्रणाली में अत्याधुनिक नौवहन एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हुए हैं। चीन और पाकिस्तान की चुनौतियों को देखते हुए मोदी सरकार ने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया है। इसका नतीजा है कि मेक इन इंडिया के तहत रक्षा उपकरणों का तेजी से अनुसंधान, विकास और उत्पादन हो रहा है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानि डीआरडीओ इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और भारत को रक्षा क्षेत्र में बड़ी मजबूती दे रहा है। गौरतलब है कि डीआरडीओ पिछले कुछ समय से लगातार एक से बढ़कर एक नई अत्याधुनिक बैलिस्टिक मिसाइलों का सफल परीक्षण करता आ रहा है। एलएसी पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच डीआरडीओ ने इसी महीने अग्नि-5 समेत कई भारी-भरकम बैलिस्टिक से लेकर क्रूज मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।डीआरडीओ ने गुरुवार (23 दिसंबर, 2021) को ओडिशा के चांदीपुर तट पर स्वदेशी रूप से विकसित उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यभेदी ‘अभ्यास’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

‘अभ्यास’ एक बिना पायलट का एरियल टारगेट है। इसका इस्तेमाल कई तरह के मिसाइल को टेस्ट करने में किया जाएगा। इसके साथ ही ‘अभ्यास’ का इस्तेमाल अलग-अलग तरीके की मिसाइल और एयरक्राफ्ट का पता लगाने के लिए हो सकता है। इसमें एक छोटा गैस टरबाइन इंजन लगा है। यह MEMS नेविगेशन सिस्टम पर काम करता है। डीआरडीओ के मुताबिक यह एक बेहतरीन एयरक्राफ्ट है, जो नवीन तकनीक का उदाहरण है और देश की रक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करेगा। जमीन से इसे एक लैपटॉप के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है।