Opinion: शादियों में 200, मगर रैलियों में 1 लाख लोग…कोविड की तीसरी लहर से निपटने की यह कैसी तैयारी? – Lok Shakti

Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Opinion: शादियों में 200, मगर रैलियों में 1 लाख लोग…कोविड की तीसरी लहर से निपटने की यह कैसी तैयारी?

लखनऊ
देशभर में कोविड और इसके नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron cases in India) के बढ़ते मामलों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। कोविड की दूसरी लहर से उबरने के बाद पिछले 4-5 महीने में जो जीवन सामान्य हो पाया था, वह अब धीरे-धीरे फिर तीसरी लहर (Covid Third Wave) के अंधेरे की तरफ बढ़ रहा है। सरकारों ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं…मध्य प्रदेश के बाद चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में भी नाइट कर्फ्यू (Night Curfew in UP) का ऐलान कर दिया गया है। रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक प्रदेश भर में नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा।

शादियों में 200, मगर रैली में लाखों लोग चलेंगे?
इसके अलावा योगी सरकार (UP Covid guidelines) ने शादियों में अधिकतम 200 मेहमानों की सीमा तय कर दी है। सरकार के इस फैसले पर अब सवाल उठने लगे हैं। दरअसल योगी सरकार ने शादियों में मेहमानों की सीमा ऐसे समय में तय की है, जब राजनीतिक पार्टियों की चुनावी रैलियों में जमकर भीड़ जुटाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने नाइट कर्फ्यू की घोषणा से एक दिन पहले ही बनारस में हजारों की भीड़ को संबोधित किया। रैली की जो तस्वीरें सामने आईं उनमें शायद ही कोई मास्क लगाए दिखा।

Omicron in India : पीएम मोदी यूं ही अचानक नहीं हो गए अलर्ट, ओमीक्रोन को लेकर देश में 10 बड़े रेड सिग्नल
क्या दूसरी लहर से सबक लेंगी पार्टियां?
इसी साल अप्रैल से जून के बीच आई कोविड की दूसरी लहर से शायद ही कोई हो जो अछूता रहा हो। शायद ही कोई हो जिसने किसी रिश्तेदार, करीबी, परिचित, पड़ोसी या दोस्त को न खाया हो। मगर इस आपदा से ठीक पहले बंगाल में ‘विधिवत’ विधानसभा चुनाव कराए गए। विधिवत इसलिए क्योंकि एक तरफ देश में लाखों की तादाद में कोविड केस आ रहे थे, रोज हजारों लोग मर रहे थे, मगर नेताओं ने अपनी रैलियों और रोडशो जारी रखे…इनमें कहीं कोई कमी नहीं आने दी गई।

Omicron News: हाईकोर्ट ने ओमीक्रोन की दहशत को देखते हुए UP में चुनावी रैलियां-जनसभा पर रोक लगाने को कहा
यूपी के गांवों में कोरोना की सुनामी लेकर आया पंचायत चुनाव
उत्तर प्रदेश में इसी साल अप्रैल-मई में कोविड की दूसरी लहर के बीच हुए ‘ऐतिहासिक’ पंचायत चुनावों को कौन भूल सकता है? चार चरणों में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और उसके बाद हुई मतगणना के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैला। चुनाव के बाद हर जिले में दम तोड़ने वाले और संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। गांव-गांव ऐसे लोग थे, जिन्हें बुखार और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। सांस उखड़ने पर अस्पताल ले जाने से पहले ही इनकी मौत हो गई। हजारों की तादाद में जिन सरकारी कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगी, वे ड्यूटी से लौटे तो कोरोना साथ लेकर घर पहुंचे।

आपका वोट दर्ज हो गया है।धन्यवादLogin to View Poll Results

Omicron in Delhi: डॉक्टरों की चेतावनी, क्रिसमस और न्यू ईयर के जश्न को कहीं ओमीक्रोन का सुपर स्प्रेडर न बना देना दिल्लीवालों…
लाखों केस आने पर जो नहीं जागे, उनसे अब क्या उम्मीद?
कई रिसर्च और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि देश में जल्द ही कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने अपनी नई स्टडी में अनुमान जताया है कि 3 फरवरी को देशभर में कोरोना केस पीक पर होंगे। ऐसे में क्या सरकार और राजनीतिक दल पिछली गलतियों से सबक लेते हुए अभी से रैलियां और रोडशो बंद करेंगे? नाइट कर्फ्यू लगने औ मेहमानों की संख्या सीमित होने की खबर आने के बाद से ही लोगों ने तंज कसना शुरू कर दिया है कि भारत में कोविड रात में सूनी सड़कों पर फैल जाता है, लेकिन रैलियों में नहीं फैलता। ट्विटर पर अमन लिखते हैं, ‘रात 11 से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा और सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक राजनीतिक रैलियों में लाखों लोग शामिल हो सकेंगे, जो कोरोना को खत्म करने की पूरी कोशिश करेंगे…’

हाई कोर्ट तक कह रहा, चुनाव टाल दीजिए!
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी गुरुवार को प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि वह यूपी चुनाव के प्रचार में राजनीतिक पार्टियों की ओर से भीड़ इकट्ठा कर चुनावी रैलियां करने पर रोक लगाएं। कोर्ट ने सुझाव दिया है कि तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए राजनीतिक पार्टियां टीवी और अखबारों के जरिए चुनाव प्रचार करें। प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हुए हाई कोर्ट जज ने कहा कि वह पार्टियों की चुनावी सभाएं व रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं। प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है। कोर्ट ने कहा कि अभी पिछली दूसरी लहर में हमने देखा है कि लाखों की संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हुए और जान गंवाई है। ग्राम पंचायत के चुनाव एवं बंगाल विधानसभा के चुनाव ने लोगों को काफी संक्रमित किया, जिससे लोग मौत के मुंह में गए। आज फिर से चुनाव उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव करीब है, जिसके लिए सभी पार्टियां रैली, सभाएं आदि करके लाखों की भीड़ जुटा रही हैं। कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि संभव हो तो फरवरी में होने वाले चुनाव को एक-दो माह के लिए टाल दें, क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी।