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आपराधिक वारदातों और पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई से जिला वर्ष भर सुर्खियों में छाया रहा। सबसे अधिक चर्चित शराब माफिया के हमले में सिपाही हत्याकांड रहा। इसके बाद बड़ी सुर्खी बनीं पुलिस की कार्रवाई जिसमें शराब माफिया और उसके भाई का एनकाउंटर हुआ। इसके अलावा पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि भी सुर्खी बनी। जिसमें तीन साल पुराना चार हत्याओं का मामला खुला और इस खुलासे ने नोएडा से कासगंज तक खलबली मचा दी। इसके अलावा पुलिस हिरासत में अल्ताफ की मौत भी चर्चित रही। जिसमें राष्ट्रीय स्तर तक राजनीति हुई। पेश है कुछ प्रमुख वारदातों और खुलासों की रिपोर्ट-
9 फरवरी को कासगंज जिले के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के गांव नगला धीमर के समीप काली नदी की खादर में यह वारदात हुई। उपनिरीक्षक अशोक पाल अपने हमराह आरक्षी देवेंद्र के साथ गश्त पर गए थे। कच्ची शराब की सूचना पर काली नदी की खादर में गए। जहां शराब माफिया मोती व उसके साथियों ने दरोगा व सिपाही पर हमला बोल दिया। जिसमें सिपाही की मौत हो गई और दरोगा घायल हो गया।
पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की तो 10 फरवरी को पुलिस मुठभेड़ में माफिया मोती का भाई एलकार ढेर हुआ। जबकि माफिया की तलाश में पुलिस जुटी रही। 21 फरवरी को पुलिस को सफलता मिली। गंगा की खादर में माफिया से पुलिस की मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में शराब माफिया मोती ढेर हुआ। इस तरह यह वारदात बेहद चर्चा में रही।
कासगंज पुलिस द्वारा 2 सितंबर को किया गया सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा सुर्खियों में रहा। 26 अप्रैल 2018 को ढोलना थाना क्षेत्र में रेलवे लाइन के पास एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला। जिसके सिर व हाथ के पंजे कटे थे। शव की पहचान अलीगढ़ के थाना गंगीरी के गांव नौगवां के राकेश के रूप में की गई। मृतक की पहचान स्पष्ट न होने के कारण डीएनए परीक्षण कराया गया, लेकिन डीएनए रिपोर्ट फाइलों में दबी रही। अब एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने सितंबर माह में रिपोर्ट मंगाई तो चार हत्याओं का सनसनीखेज खुलासा हुआ।
डीएनए राकेश के माता पिता के डीएनए से मैच नहीं हुआ। यह राजेंद्र उर्फ कलुआ का डीएनए था जो राकेश का दोस्त था। पुलिस जांच में पता चला कि राकेश नोएडा में है और उसने अपनी पत्नी व दो बच्चों की हत्या वर्ष 2018 में करने के बाद तीनों के शव गौतमबुद्ध नगर के थाना बिसरक स्थित पंच विहार कॉलोनी में अपने घर में दफना दिए थे और अपनी कद काठी के दोस्त राजेंद्र को रेल लाइन किनारे ले जाकर उसकी हत्या कर दी थी।
कासगंज में 9 नवंबर को कोतवाली पुलिस ने किशोरी को अगवा करने के आरोपी गांव नगला सैय्यद निवासी अल्ताफ को हिरासत में लिया था। जहां अल्ताफ की मौत हो गई। पुलिस ने इसे आत्महत्या बताते हुए स्पष्ट किया कि बाथरूम में लगी पानी की टोंटी पर लटककर अल्ताफ ने अपनी जान दे दी। उसके बाद परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया। फिर तो मामला तूल ही पकड़ता गया।
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