सुमित शर्मा, कानपुर
कानपुर में लगातार गंगा का पानी प्रदूषण मुक्त हो रहा है। रविवार को भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) के शोधकर्ताओं टीम कानपुर पहुंचकर गंगाजल के सैंपल लिए हैं। सोधकर्ताओं की टीम गंगाजल के सैंपल लेकर देहरादून स्थित प्रयोगशाला भेजेगी। गंगा में प्रदूषण कम होने की जलीय जंतुओ में इजाफा हुआ है। गंगा में बड़ी संख्या में डॉल्फिन, घड़ियाल, कछुआ और नई प्रजातियों की मछलियां देखने को मिली हैं।
भारतीय वन्यजीव संस्थान के शोधकर्ताओं 12 सदस्यी टीम ने कानपुर पहुंच कर गंगा बैराज से लेकर सरसैया घाट तक अलग-अलग स्थानों के सैंपल लिए है। शोधकर्ताओं की टीम ने गुणवत्ता को परखने के बाद संतुष्टी जाहिर की है। प्रदूषण कम होने से जलीय जीवों को सांस लेने में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा है। जिसकी वजह से जलीय गंगा के पानी में अपना ठिकाना बना रहे हैं।
बिजनौर से पश्चिम बंगाल तक सर्वे
भारतीय वन्यजीव संस्थान हरिद्धार की टीम बिजनौर, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, बिहार से होते हुए पश्चिम बंगाल तक गंगाजल और जलीय जीवों का सर्वे कर रही है। शोधकार्ताओं की टीमों ने नावों से गंगा का सर्वे किया है। प्रफेसर कमर कुरैशी और नोडल अफसर विष्णुप्रिया कोलिपकम नेतृत्व में टीम नमूने लेने का काम कर रही है।
जलीय जंतुओं में इजाफा
शोधकर्ताओं का कहना है कि गंगाजल की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। जिसका परिणाम है कि गंगा में डॉल्फिन, घड़ियाल, कुछुओं और मछलियों की संख्या में इजाफा हुआ है। सर्वे के इस अभियान में केंदीय यूपी वन विभाग, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के विशेषज्ञ सहयोगी की भूमिका में काम कर रहे हैं।
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