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सार
मथुरा के गांव महराना में 22 मार्च 2008 को होली के दिन तीन भाइयों की हत्या कर दी गई थी। 13 साल बाद हत्याकांड के पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
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मथुरा में अदालत ने 13 वर्ष पूर्व होली के दिन हुए महराना तिहरे हत्याकांड में केस की सुनवाई के दौरान दोष सिद्ध हुए छह अभियुक्तों में से पांच को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जबकि एक अभियुक्त अदालत में हाजिर नहीं हुआ।
22 मार्च 2008 को महराना बरसाना निवासी निरंजन सिंह के परिवार की महिलाएं होली खेल रहीं थीं। इसी दौरान पड़ोसी सतीश पुत्र टीकाराम वहां आया और महिलाओं के साथ होली खेलने लगा। महिलाओं के रोकने पर उसने अपने भाइयों और साथियों को साथ रायफल लेकर हमला कर दिया।
तीन भाइयों की हुई थी हत्या
हमले में निरंजन के भाई राजेंद्र, रघुवीर और डालचंद की मौके पर ही मौत हो गई। निरंजन ने आरोपी सतीश, उसके भाई चंदन, बिजेंद्र पिता टीकाराम, पड़ोसी सत्तो उर्फ सत्यभान, प्रताप पुत्रगण भाव सिंह, सुखदेव पुत्र श्यामा और राजकुमारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
अपर सत्र न्यायाधीश अष्टम संजय चौधरी ने मामले की सुनवाई करते हुए अभियुक्त राजकुमारी को बरी कर दिया। जबकि सतीश पुत्र टीकाराम, उसके भाई चंदन, पिता टीकाराम, पड़ोसी सत्तो उर्फ सत्यभान, प्रताप पुत्रगण भाव सिंह, सुखदेव पुत्र श्यामा को दोष सिद्ध किया।
50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगा
मंगलवार को अदालत ने निर्णय देते सतीश, उसके भाई चंदन, पिता टीकाराम, पड़ोसी सत्तो उर्फ सत्यभान, प्रताप पुत्रगण भाव सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने सभी पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड आरोपित किया है।
एडीजीसी मुकेश गोस्वामी ने बताया कि केस की सुनवाई के दौरान अभियुक्त बिजेंद्र की प्राकृतिक मृत्यु हो गई। अदालत द्वारा दोष सिद्ध हुए छह अभियुक्तों में से सुखदेव मंगलवार को अदालत में हाजिर नहीं हुआ। अदालत ने उसकी गिरफ्तारी के लिए बी वारंट जारी किया है।
विस्तार
मथुरा में अदालत ने 13 वर्ष पूर्व होली के दिन हुए महराना तिहरे हत्याकांड में केस की सुनवाई के दौरान दोष सिद्ध हुए छह अभियुक्तों में से पांच को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जबकि एक अभियुक्त अदालत में हाजिर नहीं हुआ।
22 मार्च 2008 को महराना बरसाना निवासी निरंजन सिंह के परिवार की महिलाएं होली खेल रहीं थीं। इसी दौरान पड़ोसी सतीश पुत्र टीकाराम वहां आया और महिलाओं के साथ होली खेलने लगा। महिलाओं के रोकने पर उसने अपने भाइयों और साथियों को साथ रायफल लेकर हमला कर दिया।
तीन भाइयों की हुई थी हत्या
हमले में निरंजन के भाई राजेंद्र, रघुवीर और डालचंद की मौके पर ही मौत हो गई। निरंजन ने आरोपी सतीश, उसके भाई चंदन, बिजेंद्र पिता टीकाराम, पड़ोसी सत्तो उर्फ सत्यभान, प्रताप पुत्रगण भाव सिंह, सुखदेव पुत्र श्यामा और राजकुमारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
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