चंडीगढ़, 4 दिसंबर
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से दुर्घटना में शामिल एक मोटर चालक की जमानत याचिका खारिज कर दी है। हादसे में दो नाबालिगों और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई थी। आरोपी ने दलील दी थी कि मिर्गी के कारण उसे दौरा पड़ा है, जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटना हुई।
प्रीतपाल सिंह ने पंजाब राज्य के खिलाफ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख किया था और एक अन्य प्रतिवादी ने 30 मार्च को पटियाला जिले के त्रिपुरी पुलिस स्टेशन में तेज गति से या लापरवाही से गाड़ी चलाने, गैर इरादतन हत्या के मामले में दर्ज मामले में नियमित जमानत की मांग की थी। आईपीसी की धारा 279, 337, 338, 427, 308 और 304 और मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपराध।
याचिका का विरोध करते हुए, राज्य के वकील ने तर्क दिया कि किसानों द्वारा एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब के पास एक चौराहे पर चल रहा था। लापरवाही से वाहन चलाते हुए याचिकाकर्ता ने आंदोलन पर बैठे किसानों को टक्कर मारने से पहले जानबूझकर एक कार को ट्रैफिक लाइट पर टक्कर मार दी। उस प्रक्रिया में, दो नाबालिगों और एक अन्य व्यक्ति की मृत्यु हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति को कई चोटें आईं और 29 मार्च से 5 अप्रैल तक वेंटिलेटर पर रहने से पहले दो ब्रेन सर्जरी से गुजरना पड़ा। इसके अलावा, चार अन्य व्यक्ति भी घायल हो गए। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि मोटर चालक 2016 से मिर्गी के इलाज के इतिहास के साथ एक मरीज था। वह 30 मार्च से हिरासत में था, जांच पूरी हो गई थी और परीक्षण समाप्त होने में कुछ समय लगेगा। — टीएनएस
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