Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

1984 Sikh Riots Case: 1984 सिख दंगा मामले में SIT की जांच में 67 दंगाई चिह्नित, कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी

हाइलाइट्सएसआईटी ने पुनः विवेचना वाले 11 मामलों में 67 आरोपियों को चिह्नित कियाचिह्नित आरोपियों में से केवल 45 ही गिरफ्तारी करने लायक है27 मई 2019 को इस मामले में प्रदेश सरकार ने एसआईटी की टीम गठित की थीसुमित शर्मा, कानपुर
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कानपुर में सिख दंगा हुआ था। सिख दंगे में जान गंवाने वाले परिवारों को 38 साल बीत जाने के बाद भी न्याय नहीं मिला है। शहर में हुए दंगों को लेकर एसआईटी ने पुनः विवेचना वाले 11 मामलों में 67 आरोपियों को चिह्नित किया है। एसआईटी ने शासन को इन नामों की सूची भेजी है। शासनादेश आने के बाद ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। जिम्मेदार अधिकारियों का मानना है कि चिह्नित आरोपियों में से केवल 45 ही गिरफ्तारी करने लायक है।

127 सिखों की हत्या हुई थी
कानपुर में हुए दंगों में 127 सिखों की हत्या हुई थी। उस दौरान कानपुर नगर में लूट और हत्या की धाराओं में 40 मुकदमे दर्ज किए गए थे। पुलिस ने इनमें से 29 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगाई थी। बीते 27 मई 2019 को इस मामले में प्रदेश सरकार ने एसआईटी की टीम गठित की थी। एसआईटी ने विभिन्न राज्यों में रह रहे पीड़ित परिवारों के लोगों से मिलकर बयान दर्ज किए हैं।

Kanpur News: पहली मंजिल से निकल रहा था धुआं… आंगन में पड़ी थी महिला की लाश, कपड़े से बंधे थे हाथ-पैर
67 जिंदा बचे हैं दंगाई
एसआईटी एसपी बालेंदु भूषण ने बताया कि फाइनल रिपोर्ट लगे 20 मुकदमों को अग्रिम विवेचना के लायक माना गया है। जांच शुरू की गई है, जिसमें से 11 की विवेचना नए मामले में 146 दंगाई चिह्नित किए गए हैं, लेकिन इनमें से 79 की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में जिंदा बचे दंगाइयों की संख्या 67 रह गई है।

आरोपियों की इस समय उम्र 75 वर्ष से ज्यादा है
इसमें से भी 20 से 22 ऐसे आरोपी हैं, जिनकी आयु 75 वर्ष से ज्यादा है या गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। वहीं, गिरफ्तारी के सवाल पर उनका कहना है कि शासन को रिपोर्ट दी है। अनुमति मिलने के बाद गिरफ्तारी की जाएगी।