अपना इतिहास भूल कांग्रेस और विपक्ष की स्थिति ‘खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे’ जैसी हो गई, – Lok Shakti

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अपना इतिहास भूल कांग्रेस और विपक्ष की स्थिति ‘खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे’ जैसी हो गई,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु पर्व के मौके पर देश के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को रद्द करने का ऐलान किया था। इस घोषणा के अनुरूप संसद के दोनों सदनों ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर मुहर लगा दी। इस पर एक साल के आंदोलनरत किसान नेताओं ने भी खुशी जाहिर की। आश्चर्यजनक रूप से उन कांग्रेस नेताओं ने विधेयक पर बहस की मांग करते हुए खूब हंगामा किया, जिस कांग्रेस का इतिहास ही बगैर बहस के मिनटों में विधेयकों को पास करने का रहा है।

सियासी मैदान के सबसे बड़े और असली ‘लड़ैया’ PM Modi, दरअसल, हंगामे की पीछे असल वजह कांग्रेस और विपक्षी दलों के लिए ‘अंगूर खट्टे साबित’ हो जाना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेकर फिर साबित कर दिया कि सियासी मैदान के सबसे बड़े और असली ‘लड़ैया’ वही हैं। उनके राजनीतिक तरकश में कई ऐसे अचूक तीर हैं, जिनसे विरोधी चारों खाने चित्त हो जाते हो। पीएम मोदी सियासी अखाड़े के वह मिट्टी-पकड़ पहलवान हैं, जो अचानक दांव चलकर विरोधी को हक्का-बक्का कर देते हैं।

गुरु के मुबारक दिन 19 नवंबर, 2021 की सुबह राष्ट्र के नाम संबोधन के समय किसी को उम्मीद नहीं थी कि वो तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करेंगे। लेकिन प्रधानमंदी मोदी अपने अचानक चले दांव से एक झटके में ही कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों को चित कर दिया। विपक्षी दलों की यही खिसियाहट संसद के दोनों सदनों में देखने को मिली। कांग्रेस को खिसियाने या हंगामा करने का कोई अधिकार इसलिए नहीं है कि पीएम मोदी कार्यकाल के पहले रिपील हुए 7 बिल बिना किसी बहस के कुछ ही मिनटों में पास हो गए।

दरअसल,  किसान आंदोलन की आड़ में विपक्षी दल मोदी सरकार को घेरने के लिए सियासी बिसात बिछा रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के साथ ही बीजेपी की राज्य सरकारों को किसानों के चक्रव्यूह में फंसाने के लिए तमाम कोशिशें हो रही थीं, लेकिन सियासी चौसर के दिग्गज खिलाड़ी प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा पासा फेंका कि विपक्षी दल चारों-खाने चित हो गए। प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानून को वापस लेने का फैसला कर पांच राज्यों में होने वाले चुनाव से पहले विपक्ष के हाथों से सबसे बड़े मुद्दे को छीन लिया,

प्रधानमंत्री मोदी के फैसले से सबसे ज्यादा झटका कांग्रेस को लगा है। कांग्रेस मानकर चल रही थी, कि तीन कृषि कानूनों से उत्पन्न नाराजगी का फायदा उसे पंजाब के चुनाव में मिलने जा रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानून वापस लेकर कांग्रेस के मंसूबों पर काफी हद तक पानी फेर दिया है। क्योंकि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजेपी के लिए तुरुप का पत्ता साबित हो सकते हैं। 2 महीने पहले जब पंजाब का मुख्यमंत्री पद छीने जाने के बाद कैप्टन ने कांग्रेस से बगावत की थी तभी से ये अटकलें लगने लगी थीं कि मोदी सरकार कृषि कानूनों को वापस ले सकती है