मेरा बच्चा जन्म से ही दिव्यांग है। चौदह वर्ष का हो चुका। यह तो सरोजनी नगर विधायक व प्रदेश में महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री का दया भाव है, जो यहां शिविर लगवाया और हमारा आवेदन भी ले लिया गया। यह कहते-कहते जन्म से ही बोलने, चलने में अक्षम बुद्धेश्वर से आयी आर्यन की मां की आंखों में आंसू छलक आये। यह हकीकत एक की नहीं, सैकड़ों दिव्यांगों की है, जो किसी न किसी उपकरण के लिए आये थे।
शनिवार को कानपुर रोड स्थित कृष्णानगर में उत्तम लान में दिव्यांगजनों के लिए एक ही जगह नौकरी से लेकर ट्राइ साइकिल, चलित दुकान, नौकरी के लिए आवेदन, स्मार्ट फोन, कम्बल वितरण दिव्यांग प्रमाण पत्र, बस व ट्रेन पास आदि के लिए स्टाल लगाये गये थे। मंत्री श्रीमती स्वाती सिंह ने समर्थ दिव्यांगजन नाम से लगे शिविर में एक-एक दिव्यांगों से मिलकर उनकी व्यथा को समझा और खुद भी उनकी समस्याओं को सुलझाया।
पीजीआई के पास से आये दोनों पैर से दिव्यांग कमलेश ट्राई साइकिल के लिए आवेदन किये थे। उन्होंने बताया कि श्रीमती स्वाती सिंह हर वक्त कमजोर वर्ग के लोगों की मदद करती रही हैं। इसी क्रम में उन्होंने यह लगवाया है। उन्होंने श्रीमती स्वाती सिंह को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब तक हम बेरोजगार थे। इससे हमें अब रोजगार मिल जाएगा। इसी तरह के वक्तव्य गौरीगांव सरोजनीनगर से आये गोविंद प्रसाद का भी था।
श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि हम सेवाभाव से काम करते हैं। यह हमारे लिए वोट का जरिया नहीं है। यह हमारा कर्तव्य है, जिसका निर्वहन कर रही हूं। मैं हमेशा यही कोशिश करती हूं कि जो भी योजनाओं से वंचित हैं, उन सभी तक योजना पहुंच सके।
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