ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 24 नवंबर
शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछा कि वह पंजाब में कौन सी शिक्षा क्रांति लाना चाहते हैं, जो सदियों से ‘सभ्यता का पालना’ रहा है और जिसने जनता को पढ़ना और लिखना सिखाया है।
मंत्री ने कहा कि यह ‘अफवाह फैलाने वाले’ केजरीवाल का एक और सस्ता हथकंडा है, जिन्हें पंजाब की बुनियादी भौगोलिक स्थिति की भी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल शायद इस तथ्य के बारे में भूल गए कि वह उसी भूमि पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे थे जहां वेद, उपनिषद और अन्य ग्रंथ बहुत पहले लिखे गए थे जब लोग पढ़ना और लिखना जानते थे।
उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत में जारी नेशनल परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में पंजाब पहले स्थान पर है, जबकि दिल्ली छठे स्थान पर है। शिक्षा, सीखने के परिणामों, पहुंच, बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के सभी मानकों पर पंजाब दिल्ली से ऊपर था। इसी तरह, उन्होंने कहा कि पंजाबियों ने पिछले चार वर्षों में प्राथमिक कक्षाओं में नामांकन 1.93 लाख से बढ़ाकर 3.3 लाख करके सरकारी स्कूल प्रणाली में विश्वास व्यक्त किया है। उन्होंने केजरीवाल को सलाह दी कि पंजाब की चिंता करने से पहले दिल्ली के लिए पर्याप्त शिक्षक सुनिश्चित करें।
दिल्ली से आगे पंजाब
पंजाब नेशनल परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में पहले स्थान पर है, जबकि दिल्ली छठे स्थान पर है। शिक्षा के सभी पैमानों पर पंजाब दिल्ली से ऊपर है। परगट सिंह, शिक्षा मंत्री
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