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आया मौसम पर्यटन का, सैर सपाटे और मनोरंजन का :: छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता को करीब से निहारने का है अनुकूल समय

हल्की ठण्ड के अहसास के साथ छत्तीसगढ़ में मौसम का रूख बदल सा गया है। सुबह-सुबह ओस की बूंदे और आसपास घने कोहरे की चादरे हैं। दोपहर में आकाश का रंग नीला है तो, बारिश में उफान पर रही नदियां शांत होकर बहने लगी है। तालाब हो या फिर नदी के रास्तों में पानी का ठहराव, एक बड़े आइने की तरह आकाश से लेकर अपने आस-पास के हरे-भरे पेड़-पौधों की तस्वीरों को इस तरह समेटे हुए है कि किसी सिनरी से कम नहीं..। मंद-मंद चलती हवाओं से यह मौसम इतना प्यारा हो चला है कि दिल कहता है कि चलों घूम आए…। जी, हां यह छत्तीसगढ़ का मौसम है। अपनी खूबसूरती के दम पर सबकों मोह लेने के साथ हर पर्यटकों को ताजगी और उमंग का अहसास कराने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी पर्यटन स्थल आपके स्वागत के लिए बेताब है।

   देश के पर्यटन के नक्शे पर अपनी पहचान बना चुके छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन, जोखिम से परे एक अनुकूल और सुखद माहौल में संभव है। छत्तीसगढ़ में पर्यटन की अपार संभावनाएं ही नहीं, अपितु धरातल पर आपकी संभावनाओं को सच साबित करती सैकड़ों दर्शनीय स्थल भी है। भारत के हृदय स्थल में स्थित छत्तीसगढ़ प्राचीन स्मारकों, बौद्ध स्थलों, दुर्लभ वन्य प्राणियों, नक्काशीदार मंदिरों, राजमहलों, गुफाओं एवं शैलचित्रों से परिपूर्ण है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक हरियाली से परिपूर्ण जंगल, जलप्रपात, झरने, विह्ंगम जलाशय सहित प्रकृति की नैसर्गिक सुंदरता को करीब से निहारने और यहां की संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों को समझने के साथ आदिवासी समाज के जनजीवन को जानने और उनकी कलाकृतियों को देखने का भरपूर आनंद आप यहा उठा सकते हैं। समय के साथ यही वह सबसे अच्छा मौसम है, जो आपकी यात्रा को आसान बनाने के साथ आपके भीतर रोमांच भी भर देगी। वैसे तो यहां पर्यटन का आनंद हर मौसम में लिया जा सकता है, लेकिन वर्षा ऋतु के बीत जाने के बाद का समय आपके पर्यटन यात्रा को सुलभ और सहज बनाने के साथ यादगार बनाता है।

    मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू की पहल से छत्तीसगढ़ के पर्यटन को नई पहचान मिल रही है। पर्यटन स्थलों की पहचान के साथ उन स्थानों के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए पर्यटकों हेतु आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है।

देशी-विदेशी पर्यटकों को भाने लगा है छत्तीसगढ़ का पर्यटन
मुख्यमंत्री श्री बघेल और पर्यटन मंत्री श्री साहू के द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में किए जा रहे विकास कार्यों एवं सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की वजह से छत्तीसगढ का पर्यटन देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाता जा रहा है। यहा आने वाले पर्यटकों की संख्या से साबित होती है कि यहां की खूबसूरती और प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल पर्यटकों को अपनी ओर खींच ला रही हैं। पर्यटक संबंधी आंकडे़ देखे तो माह जनवरी 2019 से लेकर अक्टूबर 2021 तक राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों में 2 करोड़ से अधिक घरेलू पर्यटक एवं 9145 विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ है। सूचना केन्द्रों के माध्यम से जनवरी 2019 से लेकर अक्टूबर 2021 तक कुल 9782 आगंतुकों के द्वारा पर्यटन संबंधी जानकारी प्राप्त की गई। 4750 पर्यटकों द्वारा टूरिज्म बोर्ड के सूचना केन्द्रों के माध्यम से टूरिज्म बोर्ड द्वारा संचालित होटल-रिसॉर्ट हेतु आरक्षण कराया गया तथा इससे 174.92 लाख रुपए की राजस्व प्राप्ति हुई।

पर्यटन के रूप में प्रसिद्ध महत्वपूर्ण स्थल
छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक पर्यटन स्थल अपनी पहचान स्थापित कर लगातार पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहे हैं। राज्य में बाहर से आने वाले पर्यटकों को सर्वाधिक पसंद आने वाले स्थानों में अचानकमार टाइगर रिजर्व, बारनवापारा वन्य जीव अभ्यारण, पामेड़ अभ्यारण, गोमर्डा, बादलखोल, भोरमदेव, भैरमगढ़, तमोरपिंगला अभ्यारण, सेमरसोत वन्यजीव अभ्यारण, सीतानदी अभ्यारण, भोरमदेव मंदिर, दंतेश्वरी मंदिर, प्रज्ञागिरी मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, वारसूर गणेश प्रतिमा, चम्पारण्य, चित्रकोट जल प्रपात, तीरथगढ़ जलप्रपात, देवपहरी जलप्रपात, अमृत धारा, राजपुरी, रानीदाह, टाइगर पॉइंट, केंदाई, देवधारा, सातधारा जलप्रपात, मैनपाट, कुतुंब मीनार से उंचा जैतखाम एवं गुरू घासीदास की जन्म स्थली गिरौधपुरी धाम, बौद्ध तीर्थ स्थल सिरपुर, रतनपुर, ताला, मल्हार, पाली, लाफा, तुम्हान,बस्तर, डोंगरगढ़, राजिम, बांगो बांध, सतरेंगा जलाशय, खूटाघाट, मदकूद्वीप, चैतुरगढ़, देश-देखा, जशपुर का चाय बागान, दामाखेड़ा, कुदुरमाल, गंगरेल बांध, कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान, गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, शबरी का मंदिर शिवरीनारायण, रामवनगमन पर्यटन परिपथ, रायपुर सिटी, जंगल सफारी, कुटुमसर गुफा, कैलाश गुफा, जोगी मारा, रामगढ़, अरण्य, सिंघनपुर गुफा सहित अनेक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है।

पर्यटकों को उपलब्ध कराई जा रही अनेक सुविधाएं
छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल द्वारा पर्यटकों की सुविधा के लिए अनेक पर्यटन इकाइयां संचालित की गई है। इनमें राजधानी रायपुर में होटल जोहार छत्तीसगढ़, बिलासपुर जिले में छेर-छेरा टूरिस्ट कॉटेज कबीर चबुतरा और गौरा-गौरी लेक व्यू टूरिस्ट कॉटेज खूंटाघाट, बस्तर जिले में दंडामी लक्जरी रिसॉर्ट चित्रकोट और गोरगा टूरिस्ट रिसॉर्ट तीरथगढ़, धमतरी जिले में बरदिहा लेक व्यू टूरिस्ट कॉटेज गंगरेल, महासमुंद जिले में हरेली ईको रिसॉर्ट मोहदा बारनवापारा और व्हेनसांग टूरिस्ट रिर्सार्ट सिरपुर, मुंगेली जिले में सोनभद्र टूरिस्ट रिसॉर्ट आमाडोब, सरगुजा जिले में शैला टूरिस्ट रिसॉर्ट मैनपाट, बालोद जिले में सुआ लेक व्यू टूरिस्ट रिसॉर्ट तान्दुला, कबीरधाम जिले में नागमोरी टूरिस्ट कॉटेज भोरमदेव और बैगा टूरिस्ट रिसॉर्ट सरोधादादर तथा रायपुर जिले में पर्यटक विश्रामगृह चम्पारण्य शामिल है।

    छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों के बारे में पर्यटकों को सुलभ जानकारी उपलब्घ कराने तथा पर्यटन स्थलों के भ्रमण के लिए व्यक्तिगत एवं टूर पैकेज के अन्तर्गत आरक्षण की सुविधा प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल द्वारा नई दिल्ली सहित प्रदेश में तेरह स्थानों पर पर्यटन सूचना केन्द्र स्थापित किया गया है। पर्यटन मण्डल द्वारा स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट माना रायपुर, टिकट काउंटर के पास रेल्वे स्टेशन रायपुर, महंत घासीदास संग्रहालय परिसर रायपुर, रेल्वे स्टेशन बिलासपुर ग्राम सिरपुर जिला महासमुन्द, रेल्वे स्टेशन डोंगरगढ़, अनारक्षित टिकट काउंटर के सामने रेल्वे स्टेशन दुर्ग, धनवंतरी भवन सिहावा रोड़ जिला धमतरी, शहीद पार्क चौपाटी परिसर जगदलपुर, सरहुल होटल चंडीरमा अंबिकापुर, बस स्टैण्ड चंपारण्य, कोडातरई रायगढ़ और चाणक्य भवन नई दिल्ली में पर्यटन सूचना केन्द्र स्थापित की गई है। पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप (पी.पी.पी.) के माध्यम से रायपुर स्थित होटल जोहार छत्तीसगढ़ परिसर को उच्च स्तरीय पर्यटन एवं व्यवसायिक परिसर के रूप में विकसित किया जा रहा है। माना-तूता में लगभग 80 एकड़ भूमि पर थीम-एम्यूजमेंट पार्क विकसित करने और मैनपाट रिसॉर्ट एवं पंड्रापाट रिसॉर्ट को वेलनेस सेंटर-नेचर केयर सेंटर के रूप में विकसित करने  का कार्य किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों के बारे में अधिक जानकारी तथा पैकेज टूर एवं रिसॉर्ट बुकिंग के लिए कॉल सेन्टर (टोल फ्री नम्बर) 1800-102-6415 पर संपर्क किया जा सकता है।

बस्तर क्षेत्र में वैलनेस टूरिज्म का हुआ शुभारंभ
बस्तर अंचल में पर्यटकों को वैलनेस टूरिज्म की सुविधाएं देने सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों में योगा, प्राणायाम, ध्यान, आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक उपचार, नेचर हीलिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जगदलपुर में वैलनेस टूरिज्म का भी औपचारिक शुभारंभ भी किया है। वैलनेस टूरिज्म के तहत पर्यटकों को स्वस्थ जीवन शैली के लिए मार्गदर्शन एवं परामर्श भी दिया जायेगा। शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक स्वास्थ्य के गुर भी सिखाए जाएंगे। वैलनेस टूरिज्म के जरिये देश-विदेश के पर्यटक बस्तर अंचल में आने के लिए आकर्षित होंगे।