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किसानों को सस्ती बिजली देने के लिए कृषि और ग्रामीण फीडर अलग करने के काम में 334 प्रतिशत की हुई वृद्धि

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ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि अब सिंचाई व अन्य कृषि कार्यों के लिए किसान को रात भर जागकर खेतों में ठंड से परेशान नहीं होना पड़ रहा है। फीडर सेपरेशन कर दिन में उसे दस घंटे खेत पर निर्बाध बिजली मिल रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकारों में किसानों को रात भर जागना पड़ता था। बिजली का कोई अता-पता नहीं होता था, थोड़ी देर के लिए बिजली रात को आते ही जब तक किसान दौड़कर ट्यूबवेल चालू करता था, बिजली फिर चली जाती थी। अब पृथक कृषि फ़ीडर पर सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक बिजली रहती है। किसानों को 7.55 रुपये की बिजली मात्र 1.25 रुपये में मिल रही है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में प्रदेश की योगी सरकार में गांवों को 18 घंटे बिजली देने और सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली देने के लिए किए जा रहे फीडर सेपरेशन के कार्य में 334 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2017-18 तक 513 कृषि व ग्रामीण फीडर अलग किये गये थे। वहीं प्रदेश की वर्तमान सरकार में 2020-21 तक 2227 फीडर अलग किये गये।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि रात को अब किसान चैंन की नींद सोता है। वहीं डीजल पर निर्भरता से भी मुक्ति मिली है। पूर्व सरकारों में डीजल पर निर्भरता से सिंचाई पर प्रति यूनिट 25-30 रुपये खर्च आता था। जो अब महज 1.25 रुपये हो गया है। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की कि एकमुश्त समाधान योजना का लाभ लें और पूरे प्रदेश में 24 घंटे सस्ती एवं निर्बाध आपूर्ति के संकल्प को पूरा करने में सहयोग करें। योजना के तहत 30 नवंबर तक मूल बकाये का भुगतान कर 30 सितंबर तक के बकाये के सरचार्ज से मुक्ति पाएं।
उपभोक्ता अपने क्षेत्र के अधीक्षण अभियंता, एसडीओ कार्यालय या सीएससी पर पंजीकरण करा सकते हैं और बिल जमा कर सकते हैं। उपभोक्ता ूूूण्नचमदमतहलण्पद पर ऑनलाइन पंजीकरण भी कर सकते हैं। इसकी जानकारी नजदीकी बिजली घर व टोल फ्री नम्बर 1912 पर भी ली जा सकती है।