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Shahjahanpur News: अपनी 3 बेटियों के कत्ल में फंसे पिता को 19 साल बाद मिला न्याय

शाहजहांपुर
19 साल बाद शाहजहांपुर के अवधेश सिंह को कोर्ट से न्याय मिला है। देर शाम जब वह घर पहुंचे तो दरवाजे पर उनकी पत्नी बेटी की तस्वीर लिए खड़ी थीं। बेटी की फोटो देखकर दोनों पति-पत्नी फफक-फफककर रोने लगे। अवधेश को उनकी ही तीन बेटियों की हत्या के आरोप में जेल भेज दिया गया था। इतने सालों में अवधेश का परिवार न्याय के लिए दर-दर भटकता रहा। आखिरकार बुधवार को मामले के असली आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई।

यह दुर्लभ मामला अक्टूबर 2002 का है। 15 अक्टूबर की शाम अवधेश शाहजहांपुर स्थित अपने घर पर पशुओं को चारा डालने के बाद चारपाई में लेटे हुए थे। पास में ही दूसरी चारपाई में उनकी बेटियां लेटी थीं। कुछ ही देर में अचानक छुटकन्नू और दूसरे आरोपी घर में घुसे। उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। अवधेश कोठरी के पीछे छिपते हुए वहां से भाग गए, लेकिन बेटियों की जान नहीं बची।

इसके बाद जो कुछ हुआ उसकी अवधेश और उनके परिवार की कल्पना नहीं की होगी। अवधेश की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज ली लेकिन बेटियों की हत्या के आरोप में उन्हें हिरासत में ले लिया। लगभग 10 दिन तक अवधेश को थाने में बिठाकर रखा गया। मिन्नतें करने के बावजूद पुलिस ने बेटियों का आखिरी बार चेहरा तक देखने नहीं दिया। इसके बाद अवधेश को जेल भेज दिया गया।

आंखों में आंसू लिए अवधेश की पत्नी शशि बताती हैं, हमने लगातार लड़ाई लड़ी और आखिरकार हमें न्याय मिल गया। मेरी बेटियों की आत्मा को अब शांति मिलेगी। मुझे आज भी उनका मासूम चेहरा याद आता है।

अडिशनल सेशन जज सिद्धार्थ कुमार वाघव ने फैसला सुनाते हुए तत्कालीन इंवेस्टिगेशन ऑफिसर (आईओ) होशियार सिंह और एक गवाह दिनेश कुमार के खिलाफ असली गुनहगारों से मिली भगत और निर्दोष पिता को बेटियों की हत्या में झूठा फंसाने के चलते गैर जमानती वारंट जारी किया।

आईओ ने गवाह के बयान के आधार पर अवधेश के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। पुलिस अधिकारी ने कहा था कि बेटियों की हत्या के बाद अवधेश ने खुद अपना जुर्म स्वीकार किया था और इसके पीछे गरीबी को वजह बताया था। आईओ ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी।

15 अक्टूबर 2002 को अवधेश की तीनों बेटियां रोहिणी (9), नीता (8) और सुर्मी (7) की तीन लोगों ने घर में घुसकर हत्या कर दी थी। छुटकन्नु उर्फ नथ्थूलाल, उसका भाई राजेंद्र और बेटा नरवेश ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। अवधेश किसी तरह बच गए लेकिन तीनों बेटियों की हत्या हो गई।