Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

प्रदेश सरकार अनाथ, त्यक्त, अभ्यर्पित सहित विभिन्न प्रकार के बच्चों का संरक्षण, कल्याण, शिक्षा, पुनःस्थापन आदि बाल संरक्षण सेवायें प्रदान कर रही है

Default Featured Image

भारत सरकार के सहयोग से किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के प्राविधानों के अनुसार देखरेख की आवश्यकता एवं संरक्षण तथा विधि विरूद्ध कार्यों में लिप्त बच्चों के संरक्षण, कल्याण एवं पुनःस्थापन को सुनिश्चित करने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा बाल संरक्षण सेवाएं योजना प्रदेश में संचालित की जा रही है। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश में 51 राजकीय संस्थायें (26 राजकीय सम्प्रेक्षण गृह, 08 बाल गृह (बालक), 04 बाल गृह (बालिका), 05 बाल गृह (शिशु), 02 विशेष गृह, 01 प्लेस ऑफ सेफ्टी, 05 पश्चातवर्ती देख रेख संगठन) संचालित है। राज्य सरकार दत्तक ग्रहण के लिये अनाथ, त्यक्त, या अभ्यर्पित बच्चों के पालन-पोषण, देखभाल सहायता हेतु बच्चों के पुनर्वासित किये जाने हेतु प्रदेश में 05 राजकीय विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण तथा स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से 07 विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण संचालित है।
प्रदेश में पी0पी0पी0 माडल के अन्तर्गत स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग से जनपद लखनऊ, एवं गौतमबुद्धनगर में मानसिक मंदित विशेषीकृत बच्चों के लिए राजकीय विशेषीकृत संचालित है। अनाथ, उपेक्षित, आदि विभिन्न प्रकार के बच्चों के विकास हेतु शहरी तथा अर्द्धशहरी क्षेत्रों में स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से प्रदेश में अनुदान प्राप्त 16 खुले आश्रय गृह संचालित है। शासकीय, सहायता प्राप्त तथा स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से संचालित संस्थाओं में लगभग 6000 संवासी निवास करते हैं। स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से बाल गृहों का संचालन हेतु प्रदेश में विभिन्न प्रकार के 21 बाल गृहों (09 बालक, 09 बालिका एवं 03 शिशु) को शासकीय मान्यता प्रदान की गयी है। इस दौरान जनपद गाजीपुर एवं इटावा में 50-50 की क्षमता के नवीन राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर) का संचालन प्रारम्भ किया गया। इसके अतिरिक्त जनपद मुजफ्फरनगर में भवन का निर्माणकार्य पूर्ण हो जाने के उपरान्त राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर) का पुनः संचालन प्रारम्भ कर दिया गया।
प्रदेश में स्टेट डॉटा मैनजेमंेट संेटर की स्थापना की गयी है, जिसके माध्यम से महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित समस्त संस्थाओं, मण्डलीय, कार्यालयों तथा जिला कार्यालयों का सी0सी0टी0वी0 के माध्यम से मूल्यांकन एवं पर्यवेक्षण का कार्य किया जाता है। विभागीय सूचना प्रबंधन प्रणाली (एम0आई0एस0) को तैयार कर समेकित बाल संरक्षण योजना (आई0सी0पी0एस0) के अन्तर्गत विभाग की समस्त सूचनाओं को रियल टाइम में अपलोड किये जाने का कार्य किया जा रहा है।
किशोर न्याय अधिनियम के अन्तर्गत प्रदेश में स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से संचालित विभिन्न अनाथालयों/आश्रमों/बाल गृहों को अधिनियम के अधीन पंजीकरण एवं मान्यता प्रदान की जा रही है। प्रदेश में महिला कल्याण विभाग के अधीन किराये के भवनों में संचालित राजकीय गृहों में निवासरत अन्तःवासियों के सुरक्षित एवं पर्याप्त स्थान के दृष्टिगत विभागीय भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। इसी क्रम में जनपद आगरा, रायबरेली, चित्रकूट, मीरजापुर, इटावा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, वाराणसी, मेरठ, कानपुर नगर में निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
बच्चों का पुनःस्थापना के लिये योजना के अन्तर्गत स्पांसरशिप, फोस्टर केयर एवं दत्तक ग्रहण का प्राविधान किया गया है। वर्ष 2020-21 में स्पांसरशिप एवं फोस्टर केयर योजना के अन्तर्गत क्रमशः 1007 व 05 बालक लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 तक 236 बालकों को दत्तक ग्रहण के माध्यम से पुर्नवासित किया गया है। गत वर्ष अभी तक 53 बच्चों को एडॉप्शन में 711 बच्चों को स्पॉन्सरशिप से तथा 03 बच्चों को फॉस्टर केयर के अन्तर्गत लाभान्वित किया गया है।

You may have missed