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अभिनेत्री की टिप्पणी पर विवाद: आगरा में प्रधानमंत्री और अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ कोर्ट में वाद प्रस्तुत, 25 को होगी सुनवाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने वाद प्रस्तुत किया है। अधिवक्ता ने वाद पत्र में अभिनेत्री के आजादी और महात्मा गांधी के सिद्धांत पर की टिप्पणी को आधार बनाते हुए राष्ट्रद्रोह, मानहानि और आपराधिक षड्यंत्र का आरोप लगाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मामले में कार्रवाई नहीं करने का आरोप है। कोर्ट ने थाना न्यू आगरा पुलिस से आख्या तलब की है। सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तारीख सुनिश्चित की है।
ये था बयान
अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में लिखा कि उन्होंने 17 नवंबर को समाचार पत्रों में फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति अपमानजनक एवं अमर्यादित टिप्पणी और पोस्ट को पढ़ा। इसमें लिखा था कि आजादी भीख में मिली थी और गांधी  जी के अहिंसात्मक सिद्धांत (कोई तुम्हें अगर एक चांटा मारे तो दूसरा गाल भी उसके सामने कर दो, मारने  वाला अपने आप शांत हो जाएगा) पर भी आघात करते हुए अहिंसा के सिद्धांत का उपहास उड़ाया है।
कार्रवाई की मांग
अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि अभिनेत्री ने अपनी टिप्पणी से गांधी जी, लाखों देश भक्त शहीदों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्ष, त्याग और बलिदान से मिली आजादी को भीख में मिली आजादी बताकर उनका और पूरे राष्ट्र का अपमान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कार्रवाई करनी चाहिए  थी। मगर, उन्होंने ऐसा न करके अपने कर्तव्य एवं उत्तरदायित्वों का पालन नहीं किया। इससे पूर्व भी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने गांधीजी के प्रति अमर्यादित एवं अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। तब भी प्रधानमंत्री मौन साधे रहे। रमाशंकर शर्मा सहित अधिवक्ता बीएस फौजदार, रामदत्त दिवाकर, ओपी वर्मा, आरएस मौर्या आदि सहित करोड़ों देशवासियों की भावनाओं का ठेस पहुंची है। मामले में आरोपियों को तलब कर दंडित करने की याचना की है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने वाद प्रस्तुत किया है। अधिवक्ता ने वाद पत्र में अभिनेत्री के आजादी और महात्मा गांधी के सिद्धांत पर की टिप्पणी को आधार बनाते हुए राष्ट्रद्रोह, मानहानि और आपराधिक षड्यंत्र का आरोप लगाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मामले में कार्रवाई नहीं करने का आरोप है। कोर्ट ने थाना न्यू आगरा पुलिस से आख्या तलब की है। सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तारीख सुनिश्चित की है।

अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में लिखा कि उन्होंने 17 नवंबर को समाचार पत्रों में फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति अपमानजनक एवं अमर्यादित टिप्पणी और पोस्ट को पढ़ा। इसमें लिखा था कि आजादी भीख में मिली थी और गांधी  जी के अहिंसात्मक सिद्धांत (कोई तुम्हें अगर एक चांटा मारे तो दूसरा गाल भी उसके सामने कर दो, मारने  वाला अपने आप शांत हो जाएगा) पर भी आघात करते हुए अहिंसा के सिद्धांत का उपहास उड़ाया है।

अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि अभिनेत्री ने अपनी टिप्पणी से गांधी जी, लाखों देश भक्त शहीदों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्ष, त्याग और बलिदान से मिली आजादी को भीख में मिली आजादी बताकर उनका और पूरे राष्ट्र का अपमान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कार्रवाई करनी चाहिए  थी। मगर, उन्होंने ऐसा न करके अपने कर्तव्य एवं उत्तरदायित्वों का पालन नहीं किया। इससे पूर्व भी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने गांधीजी के प्रति अमर्यादित एवं अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। तब भी प्रधानमंत्री मौन साधे रहे। रमाशंकर शर्मा सहित अधिवक्ता बीएस फौजदार, रामदत्त दिवाकर, ओपी वर्मा, आरएस मौर्या आदि सहित करोड़ों देशवासियों की भावनाओं का ठेस पहुंची है। मामले में आरोपियों को तलब कर दंडित करने की याचना की है।