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सहकारी संस्थाओं तथा किसानों को भण्डारण शुल्क में क्रमशः 10 प्रतिशत एवं 30 प्रतिशत की छूट दी जाती है

विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है, इस वर्ष के सहकारी सप्ताह का मुख्य विषय उद्यमिता विकास एवं सार्वजनिक-निजी-सहकारी भागीदारी का सशक्तिीकरण है। सप्ताह के सातों दिवसों को उद्देश्यवार मनाये जाने के कार्यक्रम के अर्न्तगत आज उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम के प्रांगण में सहकारिता विभाग की संस्थाआंे में से एक उ0प्र0 राज्य भण्डारण निगम एवं उ0प्र0 राज्य उपभोक्ता सहाकरी संघ लि0 द्वारा संयुक्त रूप से गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता श्री बी0 एल0 मीना, प्रमुख सचिव, सहकारिता विभाग द्वारा की गयी। गोष्ठी में श्री श्रीकान्त गोस्वामी प्रबन्ध निदेशक उ0प्र0 राज्य भण्डारण, श्री धीरेन्द्र सिंह, प्रबन्धक निदेशक उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ लि0, श्री राजीव यादव प्रबन्ध निदेशक उ0प्र0 राज्य उपभोक्ता सहाकरी संघ लि0, श्री के0 एल0 पाठक डी0जी0एम0 भारतीय खाद्य निगम, सहकारिता विभाग व निबन्धक कार्यालय के अधिकारीगण एवं निगम के अधिकारी व कर्मचारियों ने भाग लिया।
इस अवसर प्रमुख सचिव, सहकारिता श्री बी0 एल0 मीणा ने कहा कि सहकारिता विभाग की सहकारी संस्थाओं को सुदृढ. बनाये जाने पर व भण्डारण क्षमता के विस्तार हेतु लक्षित योजनाओं के माध्यम से उद्यमिता विकास एवं सार्वजनिक-निजी- सहकारी भागीदारी का सशक्तिीकरण पर विशेष बल दिया।
      निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री श्रीकान्त गोस्वामी द्वारा बताया गया कि निगम की भण्डारण क्षमता बढ़कर वर्ष 2020-2021 में 43.50 लाख मै0टन हो गयी है वर्ष 2020-21 में निगम द्वारा कुल  54.78 लाख मै0टन स्टाक का भण्डारण किया गया है।  वर्ष 2021-21 में निगम का शुद्ध लाभ बढ़कर 118.34 करोड़ (अनुमानित) हो गया है। उन्होंने बताया कि सहकारी संस्थाओं तथा किसानों को भण्डारण शुल्क में क्रमशः 10 प्रतिशत एवं 30 प्रतिशत की छूट दी जाती है साथ ही कृषकों हेतु कृषक प्रसार सेवा योजना का संचालन किया जा रहा है जिसके तहत कृषकांे को उनके अनाज के भण्डारण एवं उनकी सुरक्षा के उद्देश्य से निगम में कार्यरत कुशल तकनीकी कार्मिकों द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षित किया जाता है। वर्ष 2020-21 में 41973 कृषकों को प्रशिक्षित किया गया है। कीट परिनाशकसेवा का संचालन जिसके तहत निगम द्वारा किसानों, व्यापारियों, संस्थाओं आदि के घरांे, गोदामों आदि में भण्डारित जिंसो आदि की व्यवस्था मामूली शुल्क लेकर की जाती है।
निगम द्वारा कीट परिनाशकसेवा योजना का विस्तार किया जा रहा है, जिसके तहत सरकारी/सहकारी एवं प्राइवेट संस्थओं को भी उक्त सेवा का लाभ दिया जायेगा। निगम के समस्त स्वनिर्मित भण्डारगृहों को डब्ल्यू0डी0आर0ए0 में पंजीकरण कराने की कार्यवाही प्रक्रिया में है जिनमे से 51 भण्डारगृहों की पंजीकरण की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरान्त कृषकों का भण्डारण प्रारम्भ हो चुका है तथा उक्त भण्डारगृहों में कृषकों द्वारा भण्डारण कराने पर बैंक से 90 प्रतिशत तक ऋण प्राप्त किया जा सकता है।
       वर्ष 2017 में मण्डी स्थलों पर निगम की क्षमता 5.60 लाख मै0टन थी जो वर्ष 2021 में 7.40 लाख मै0टन तथा पी0ई0जी0 गोदामों की क्षमता वर्ष 2017 में 10.02 लाख मै0टन के सापेक्ष वर्ष 2021 में बढ़कर 20.45 लाख मै0टन हो गयी है। साथ ही वर्ष 2021 में 1.50 लाख मै0टन साइलो निर्माण की कार्यवाही भी प्रक्रियाधीन है। निगम के कार्याे को और अधिक पारदर्शी बनाये जाने, हेतु समस्त प्रक्रियायें टेण्डर/खरीद ई-टेण्डरिंग अथवा जेम के माध्यम से सम्पन्न कराया जा रहा है। निगम द्वारा अपने भण्डारगृहों को आनलाईन किया गया है।
       इस अवसर पर उ0प्र0 राज्य उपभोक्ता सहकारी संघ लि0 के प्रबन्ध निदेशक श्री राजीव यादव ने बताया कि उ0प्र0 राज्य उपभोक्ता सहकारी संघ लि0 द्वारा उपभोक्ता के क्षेत्र में प्रदेश के किसानों के लिये मूल्य समर्थन योजना के अर्न्तगत गेहॅू/धान की खरीद का कार्य किया जाता है तथा संस्था द्वारा व्यवसाय वृद्धि के उद्देश्य से अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।