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आईआरसीटीसी को घाटा: काशी महाकाल एक्सप्रेस अब महाकाल एक्सप्रेस के नाम से चलेगी, नंबर और रूट भी बदला

कॉरपोरेट सेक्टर को लाभ न होने से काशी-महाकाल एक्सप्रेस के संचालन से आईआरसीटीसी ने हाथ खींच लिए हैं। अब यह ट्रेन भरतीय रेलवे चलाएगा। जबकि आईआरसीटीसी तेजस एक्सप्रेस का संचालन पहले की तरह करता रहेगा। वाराणसी से इंदौर के बीच चलने वाली महाकाल एक्सप्रेस का रेलवे ने नंबर बदल दिया है।

रूट में कुछ स्टेशनों का बदलाव किया गया है और कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर इस ट्रेन के समय में भी बदलाव हुआ है। यह सप्ताह में दो दिन लखनऊ से और एक दिन प्रयागराज से होकर चलेगी। तीनों ही दिन इसके रूट पर कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पड़ता है। आईआरसीटीसी इसे काशी-महाकाल एक्सप्रेस के नाम से चलाता था। रेलवे इसे महाकाल सुपरफास्ट एक्सप्रेस के नाम से चलाएगा।

वाराणसी से लखनऊ होकर चलने वाली महाकाल एक्सप्रेस का नंबर 82401/02402 था। अब यह ट्रेन 20413/20414 नंबर से चलेगी। इसी तरह प्रयागराज से होकर चलने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस का नंबर पहले 82403/82404 था। अब इसका नंबर 20415/20416 हो गया है।  महाकाल एक्सप्रेस पहले उज्जैन के बाद देवास रेलवे स्टेशन होकर इंदौर जाती और आती थी। अब यह ट्रेन देवास की जगह मध्य प्रदेश में फतेहाबाद रेलवे स्टेशन होकर आएगी और जाएगी।

आईआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अजीत सिन्हा ने कहा कि  कोरोना के पहले 16 फरवरी को काशी महाकाल एक्सप्रेस चली थी। कोरोना संक्रमण के बाद दोबारा यह ट्रेन नहीं चल सकी। जो आर्थिक लक्ष्य निर्धारित था, शुरुआती परिणामों में इसका आकलन कर कार्पोरेशन ने इसे न चलाने का फैसला लिया। अब भारतीय रेलवे इसे चलाएगा।

उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ डॉ. शिवम शर्मा ने कहा कि  अब भारतीय रेलवे महाकाल एक्सप्रेस को नए नंबर और कुछ बदलाव के साथ चलाएगा। आईआरसीटीसी से भारतीय रेलवे द्वारा इसका संचालन करना नीतिगत फैसला है। भगवान शिव के दोनों तीर्थ स्थलों तक यात्रियों को पहुंचाने में रेलवे अपनी सुविधाएं देती रहेगी।
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उत्तर रेलवे ने लखनऊ यात्रा के लिए नई ट्रेन वाराणसी-लखनऊ 20401 शटल सुपरफास्ट एक्सप्रेस का संचालन बुधवार से शुरू कर दिया। इससे लखनऊ जाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत होगी। नई ट्रेन अपने निर्धारित समय पर कैंट रेलवे स्टेशन से सुबह छह बजे 622 यात्रियों को लेकर लखनऊ के लिए रवाना हुई।

पहले दिन ट्रेन की चेयरकार एसी बोगी फुल रही। जबकि पहले दिन कुल 1295 सीटों में 672 सीटें खाली रहीं। ट्रेन वाराणसी से 4.10 घंटे में लखनऊ चारबाग स्टेशन पहुंची। ट्रेन में चेयरकार एसी का किराया 480 और सामान्य टूएस का किराया 135 रुपये निर्धारित किया गया है।

ट्रेन संख्या 20401 सुपरफास्ट एक्सप्रेस कैंट स्टेशन से सुबह छह बजे चलकर 7.56 बजे सुल्तानपुर पहुंची। यहां सांसद मेनका गांधी ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर सुबह 7.58 बजे निहालगढ़ के लिए रवाना किया। इस ट्रेन में कुल 17 कोच हैं, जिसमें एक चेयरकार एसी, 14 सामान्य और दो एसएलआर हैं। पहले दिन ट्रेन के चेयरकार एसी बोगी में 79 और सामान्य में 543 यात्रियों ने वाराणसी से बुकिंग कराई।
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कॉरपोरेट सेक्टर को लाभ न होने से काशी-महाकाल एक्सप्रेस के संचालन से आईआरसीटीसी ने हाथ खींच लिए हैं। अब यह ट्रेन भरतीय रेलवे चलाएगा। जबकि आईआरसीटीसी तेजस एक्सप्रेस का संचालन पहले की तरह करता रहेगा। वाराणसी से इंदौर के बीच चलने वाली महाकाल एक्सप्रेस का रेलवे ने नंबर बदल दिया है।

रूट में कुछ स्टेशनों का बदलाव किया गया है और कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर इस ट्रेन के समय में भी बदलाव हुआ है। यह सप्ताह में दो दिन लखनऊ से और एक दिन प्रयागराज से होकर चलेगी। तीनों ही दिन इसके रूट पर कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पड़ता है। आईआरसीटीसी इसे काशी-महाकाल एक्सप्रेस के नाम से चलाता था। रेलवे इसे महाकाल सुपरफास्ट एक्सप्रेस के नाम से चलाएगा।

वाराणसी से लखनऊ होकर चलने वाली महाकाल एक्सप्रेस का नंबर 82401/02402 था। अब यह ट्रेन 20413/20414 नंबर से चलेगी। इसी तरह प्रयागराज से होकर चलने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस का नंबर पहले 82403/82404 था। अब इसका नंबर 20415/20416 हो गया है।  महाकाल एक्सप्रेस पहले उज्जैन के बाद देवास रेलवे स्टेशन होकर इंदौर जाती और आती थी। अब यह ट्रेन देवास की जगह मध्य प्रदेश में फतेहाबाद रेलवे स्टेशन होकर आएगी और जाएगी।