राजनीतिक मायने: ब्रज रज उत्सव के बहाने विधानसभा चुनावी रणनीति का संदेश दे गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ – Lok Shakti

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राजनीतिक मायने: ब्रज रज उत्सव के बहाने विधानसभा चुनावी रणनीति का संदेश दे गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यों ही मथुरा-वृंदावन में बार-बार नहीं आते हैं। बिना कुछ बोले ही उन्होंने यह संदेश दे दिया कि वह संत-महंतों के साथ तो हैं हीं लेकिन केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की ब्रजरज उत्सव में प्रमुख भूमिका देख यह भी स्पष्ट हो गया उनकी किसी से दूरी भी नहीं है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान आने का मतलब भी साफ है कि श्रीराम मंदिर के बाद अगला लक्ष्य कृष्ण जन्मभूमि भी है।
दरअसल, योगी का वृंदावन में ब्रजरज उत्सव का उद्घाटन के कई मायने निकाले जा रहे हैं। एक तरह से इस ब्रजरज उत्सव के बहाने आगामी विधानसभा चुनावों की पिच तैयार कर गए। मंच से सीएम ने भले ही हिंदुत्व की बात खुलकर नहीं कही हो, लेकिन गो, यमुना और ब्रज के बारे में बार-बार जिक्र कर उन्होंने अपने और पार्टी के हिंदुत्व के मुद्दे को लोगों तक पहुंचाने का काम किया है। वहीं, केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी मंच पर मुख्यमंत्री के साथ होना कहीं न कहीं प्रदेश में नाराज होते मुस्लिम वोट को साधने का भी प्रयास किया गया है। वहीं संतों के साथ भोजन कर उन्हें यह जताने का प्रयास किया गया है कि पार्टी अब भी अपने वही पुराने हिंदुत्व के मुद्दे पर ही कायम हैं।

कोई बड़ी घोषणा न होने से निराशा
चूंकि माना जा रहा है कि चुनाव से पहले ब्रजरज उत्सव का बड़ा कार्यक्रम है। बुधवार को योगी ने दो बार मंच का प्रयोग किया। एक बार वृंदावन में ब्रजरज उत्सव का मंच था तो वहीं श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मीडिया से बात करनी। लेकिन दोनों ही मंच से उन्होंने कोई नई घोषणा न करके लोगों को निराश किया। जब श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मीडिया से बात करने पहुंचे तो कुछ शब्द बोलकर चल दिए। उन्होंने मीडिया को सवाल करने का मौका भी नहीं दिया।
हाट में बाहरी कलाकारों को महत्व
हुनर हाट में कश्मीर, जयपुर, मध्यप्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश से मुस्लिम दस्तकार और शिल्पकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इसके माध्यम से जहां प्रदेश सरकार ने मुस्लिम वोट में सेंध लगाने का प्रयास किया है वहीं विश्वकर्मा वाटिका के माध्यम से लुहार, बढ़ाई आदि कार्य से जुड़े लोगों को अपनी ओर खींचने की कोशिश की है। इसके साथ ही हुनर हाट में राजा महेंद्र प्रताप की प्रतिमा स्थापित कर भाजपा ने जाट वोट बैंक में सेंधमारी करने का भी प्रयास किया है।

चर्चाएं यह भी रहीं कि सीएम मथुरा से लड़ेंगे चुनाव
कन्हैया की नगरी से सीएम का अगाध स्नेह देखकर चर्चाएं थीं कि मथुरा-वृंदावन से अगर सीएम चुनाव लड़ जाएं तो बहुत ही अच्छा रहेगा। जिस तरह से वाराणसी से पीएम सांसद बनने के बाद वहां का विकास हुआ, ठीक उसी तरह से सीएम चुनाव लड़ेंगे तो विकास के नाम पिछड़े चल रहे मथुरा को भी ऊंचाइयां मिल सकेंगी।

मथुरा में मुख्यमंत्री: योगी आदित्यनाथ ने किया ब्रज रज उत्सव का शुभारंभ, कहा- हुनर हाट में मिलेगा आत्मनिर्भर भारत का प्रमाण

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यों ही मथुरा-वृंदावन में बार-बार नहीं आते हैं। बिना कुछ बोले ही उन्होंने यह संदेश दे दिया कि वह संत-महंतों के साथ तो हैं हीं लेकिन केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की ब्रजरज उत्सव में प्रमुख भूमिका देख यह भी स्पष्ट हो गया उनकी किसी से दूरी भी नहीं है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान आने का मतलब भी साफ है कि श्रीराम मंदिर के बाद अगला लक्ष्य कृष्ण जन्मभूमि भी है।

दरअसल, योगी का वृंदावन में ब्रजरज उत्सव का उद्घाटन के कई मायने निकाले जा रहे हैं। एक तरह से इस ब्रजरज उत्सव के बहाने आगामी विधानसभा चुनावों की पिच तैयार कर गए। मंच से सीएम ने भले ही हिंदुत्व की बात खुलकर नहीं कही हो, लेकिन गो, यमुना और ब्रज के बारे में बार-बार जिक्र कर उन्होंने अपने और पार्टी के हिंदुत्व के मुद्दे को लोगों तक पहुंचाने का काम किया है। वहीं, केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी मंच पर मुख्यमंत्री के साथ होना कहीं न कहीं प्रदेश में नाराज होते मुस्लिम वोट को साधने का भी प्रयास किया गया है। वहीं संतों के साथ भोजन कर उन्हें यह जताने का प्रयास किया गया है कि पार्टी अब भी अपने वही पुराने हिंदुत्व के मुद्दे पर ही कायम हैं।

कोई बड़ी घोषणा न होने से निराशा

चूंकि माना जा रहा है कि चुनाव से पहले ब्रजरज उत्सव का बड़ा कार्यक्रम है। बुधवार को योगी ने दो बार मंच का प्रयोग किया। एक बार वृंदावन में ब्रजरज उत्सव का मंच था तो वहीं श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मीडिया से बात करनी। लेकिन दोनों ही मंच से उन्होंने कोई नई घोषणा न करके लोगों को निराश किया। जब श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मीडिया से बात करने पहुंचे तो कुछ शब्द बोलकर चल दिए। उन्होंने मीडिया को सवाल करने का मौका भी नहीं दिया।