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EXPLAINER: सिर्फ 2 साल में ही ट्रायल के लिए तैयार, कानपुर मेट्रो को बेहद खास बनाते हैं ये खास इंतजाम

कानपुर
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बाद अब कानपुर में भी मेट्रो दौड़ने के लिए तैयार है। 10 नवंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ कानपुर मेट्रो के ट्रायल रन को हरी झंडी दिखाएंगे। कानपुर मेट्रो के 9 किमी लंबे प्रायॉरिटी सेक्शन को बनाने के लिए 2 साल से यूपी मेट्रो कॉर्पोरेशन जी जान से लगा हुआ था। बताया जा रहा है कि कानपुर मेट्रो का काम लखनऊ मेट्रो के लिए हुए काम से भी ज्यादा तेजी से किया गया है। साल 2019 के नवंबर में मेट्रो का निर्माण काम शुरू हुआ था। दो साल बाद अब कानपुर में मेट्रो का ट्रायल होने जा रहा है।

क्या है कानपुर मेट्रो की खासियत
कानपुर मेट्रो का निर्माण बहुत तेजी के साथ किया गया है। इसके लिए देश में पहली बार डबल टी गार्डर का इस्तेमाल किया गया, जिसकी वजह से स्टेशनों का पहला फ्लोर बहुत तेजी से बना। इतना ही नहीं, निर्माण कार्य के दौरान शहर की व्यस्त सड़कों पर भी जाम की नौबत नहीं आई। कानपुर मेट्रो ट्रेन में सैनिटाइजेशन की खास व्यवस्था की गई है। इसमें एक खास तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी मदद से सिर्फ आधे घंटे में ही पूरी मेट्रो को सैनिटाइज किया जा सकेगा। पूरी प्रक्रिया रिमोट कंट्रोल से संचालित होगी और इस पर खर्च भी बेहद कम आएगा।

मेट्रो में कितने यात्री करेंगे सफर
कानपुर मेट्रों स्टेशनों पर शहर और जिले की ऐतिहासिक विरासतों को दिखाया जाएगा। शहर के जेके मंदिर की खूबसूरत तस्वीरें मेट्रो रेलवे स्टेशनों पर दिखाई देंगी। बिठूर और गंगा के प्रमुख घाटों की भी झलक यात्रियों को स्टेशन पर देखने को मिलेगी। कानपुर मेट्रो ट्रेन में एक बार में 974 यात्री यात्रा कर सकेंगे। ट्रेन 80-90 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी।

सेफ्टी के इंतजाम
कानपुर मेट्रो में सुरक्षा के भी खास इंतजाम किए गए हैं। आग लगने की घटनाओं के मद्देनजर अत्याधुनिक फायर और क्रैश सेफ्टी के मानकों को ध्यान में रखकर मेट्रो बनाया गया है। प्रत्येक मेट्रो में 24 सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे, जिनकी फुटेज ट्रेन ऑपरेटर और डिपो में बने सेंट्रल सिक्यॉरिटी रूम में पहुंचेगी। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ट्रेनों में मॉडर्न प्रॉपल्सन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है।

56 फोन चार्जिंग पॉइंट
कानपुर मेट्रो की प्रत्येक ट्रेन में 56 यूएसबी चार्जिंग पॉइंट और 36 एलसीडी पैनल्स होंगे। ट्रेन में टॉक बैक बटन की भी सुविधा है, जिससे यात्री आपातकालीन स्थितियों में ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकेंगे।

ऊर्जा होगी रीजनरेट
कानपुर मेट्रो ऊर्जा बचाने में भी काफी कारगर होगी। सभी ट्रेनों में रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम लगा होगा। इससे ब्रेक लगाने पर उत्सर्जित होने वाली एनर्जी का 45 फीसदी रीजनरेट किया जा सकेगा। इसका इस्तेमाल फिर से उसी सिस्टम में किया जा सकेगा। इसके अलावा ट्रेन में कॉर्बन डाई ऑक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम लगा होगा। यह ट्रेन में यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और एनर्जी बचाएगा।