7-11-2021
कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के ऐतिहासिक फैसले के दो साल बाद जम्मू-कश्मीर, खासकर कश्मीर घाटी में काफी बदलाव आया है। मोदी सरकार का पूरा ध्यान इस समय केंद्र शासित प्रदेश के युवाओं के विकास पर है। युवाओं से जुड़ाव और उनके मुद्दों को हल करने के लिए मिशन यूथ शुरू किया गया है, जिसका असर भी दिखाई दे रहा है। यह वर्तमान में युवाओं के लिए हर क्षेत्र में आशा की किरण बनकर उभरा है। उद्यमिता, खेल, शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में मिशन यूथ युवाओं की उम्मीदों को नया आसमान दे रहा है। दरअसल युवाओं की आकांक्षाओं को पंख देने के लिए मोदी सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मिलकर वर्ष 2020 में मिशन यूथ की शुरुआत की थी। इसके बाद प्रत्येक जिला स्तर पर एक युवा केंद्र और उसके अधीन संबंधित जिले में प्रत्येक पंचायत स्तर पर यूथ क्लब बनाए जा रहे हैं।
अक्टूबर 2021 के अंत तक मिशन यूथ के तहत पूरे प्रदेश में करीब 4300 यूथ क्लब स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें 30 हजार स्थानीय युवा पंजीकृत हैं। ये क्लब युवाओं को जिहादी मानसिकता से मुक्ति दिलाकर उन्हें मुख्यधारा के साथ जोड़ रहे हैं। युवा कल्याण व रोजगार की योजनाओं के प्रति जागरूक बनाकर उन्हें अपना व कश्मीर का भविष्य बेहतर बनाने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं। ये क्लब अब सामुदायिक भागीदारी, खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों का मुख्य केंद्र बन रहे हैं। अब युवा आतंकी गतिविधियों से दूरी बनाकर अपने इलाके के यूथ क्लब का रुख करते हैं। यही वजह है कि मिशन यूथ कम समय में ही युवाओं को अपने साथ जोड़ने में कामयाब रहा। सही मायनों में यह मिशन कश्मीरी युवाओं को राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक रूप से सशक्त बनाते हुए उनकी तकदीर बदल रहा है।
युवाओं से संवाद-संपर्क-समन्वय का माध्यम बना यूथ क्लब
पत्थरबाजी के आरोप में पकड़े गए युवकों से मिले फीडबैक के आधार पर बीते साल मिशन यूथ की शुरुआत की गई थी। पिछले आठ माह के दौरान कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों के हालात और आतंकी हिंसा के संदर्भ में पुलिस द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट से पता चलता है कि जिन इलाकों में यूथ क्लब ज्यादा सक्रिय हैं, वहां पत्थरबाजी और राष्ट्रविरोधी प्रदर्शन पूरी तरह थम चुके हैं। यह क्लब युवाओं के साथ संवाद-संपर्क-समन्वय बनाने के लिए पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक मजबूत पुल साबित हो रहे हैं।
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