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इउत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को पिछले तीन सत्र के गन्ना मूल्य का बकाया ब्याज भुगतान करने के मामले में गन्ना आयुक्त की ओर से मंगलवार को हलफनामा दाखिल कर उठाए गए कदमों की जानकारी हाईकोर्ट को दी गई। गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी की ओर से दाखिल हलफनामे में याचिकाकर्ता बीएम सिंह पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
कहा गया है कि याची बीएम सिंह जानबूझकर व्यक्तिगत तथा राजनीतिक लाभ के लिए न्यायिक प्रक्रिया की जानकारी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया में दे रहे हैं। जिसकी वजह से किसानों में बेवजह आक्रोश पैदा होता है और इससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। कोर्ट ने हलफनामा रिकॉर्ड पर लेने के बाद मामले की सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तारीख नियत की है ।
बीएम सिंह की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ सुनवाई कर रही है। हाईकोर्ट ने अपने 9 मार्च 2017 के आदेश में प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि वह गन्ना किसानों को पेराई सत्र 2012-13, 13-14 व 14-15 के गन्ना मूल्य पर बकाया ब्याज का भुगतान करें। इस आदेश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका दाखिल की गई। अवमानना याचिका में कहा गया है कि कोर्ट के आदेश के ढाई साल बाद भी गन्ना किसानों को बकाया ब्याज का भुगतान नहीं किया गया है। याचिका पर कोर्ट ने प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी थी। साथ ही कहा था कि भुगतान के मामले में सरकार के निर्णय की जानकारी लेकर कोर्ट को अवगत कराएं।
आदेश के अनुपालन में गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि गन्ना आयुक्त ने 25 मार्च 2019 को सभी पक्षों को सुनने के बाद इस संबंध में आदेश पारित कर दिया है । इस प्रकार से कोर्ट के आदेश अनुपालन कर दिया गया है। अब प्रकरण सरकार के समक्ष विचाराधीन है।
हलफनामे में कहा गया है कि याचिकाकर्ता बीएम सिंह अपने व्यक्तिगत व राजनीतिक लाभ के लिए इस अदालत में चल रही न्यायिक प्रक्रिया की जानकारी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में दे रहे हैं, जिससे किसानों में नाराजगी बढ़ रही है। इससे कानून व्यवस्था पर विपरीत असर पड़ने की आशंका है। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि याचिकाकर्ता जानबूझकर के नए नए मामले उठाते हैं, ताकि अवमानना याचिका का निस्तारण ना हो सके । कहा गया कि अवमानना याचिका को जनहित याचिका में तब्दील करने का प्रयास किया जा रहा है तथा इसे एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश हो रही है।
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