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Editorial:भारत को बदनाम करने पाकिस्तानी साजिश में टुकड़े-टुकड़े गैंग क्यों दे रहे साथ?

28-10-2021

  भारत को बदनाम और परेशान करने के लिए पाकिस्तान हमेशा मौके की तलाश में रहता है। मौका मिलते ही उसका पूरा फायदा उठाने की कोशिश करता है। देश के अंदर ताजा मामले में सामने कुछ वीडियों वायरल हो रहे हैं जो भारत के जम्मू-कश्मीर के हैं। इसमें जम्मू के मेडिकल छात्राओं द्वारा पाकिस्तान की जीत का जश्र मनाया गया साथ ही वहॉ पर मंच पर खड़ी छात्रा ने पाक जिंदाबाद के नारे लगाये गये।
उक्त देश विरोधी तत्व भारत में रहकर भी गीत पाकिस्तान की भक्ति का गा रहे हैं, पाकिस्तान की बढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन सुविधाएं इन्हें भारत से चाहिये चाहे पास्पोर्ट हो या नागरिकता या पढ़ाई के लिये स्कॉलरशीप सभी इन्हें भारत से मिलेंगी, भारत के खिलाफ कृत्य करने में जरा भी इन्हें शर्म नहीं आ रही है।
इसके अलावा भारतीय टीम की पाकिस्तानी टीम से हार के बाद उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों से पाकिस्तान समर्थक नारों की घटनाओं के बाद योगी सरकार सख्त हो गई है। उत्तर प्रदेश में अलग अलग जगहों पर ऐसे मामले संज्ञान में आने के बाद उत्तर प्रदेश के 4 जिलों में 5 केस दर्ज किए गए हैं और 7 लोगों को नामजद किया गया है। पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने वालों के विरुद्ध राष्ट्रद्रोह के तहत कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
  यूएई में खले जा रहे टी-20 वल्र्ड कप में उसकी मनचाही मुराद पूरी हो गई। पाकिस्तान की क्रिकेट टीम ने जैसे ही भारतीय टीम को हराया, उसने साजिश के तहत दुनिया भर में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया।
 ट्विटर पर मोहम्मद शमी के खिलाफ कुछ ट्वीट्स दिखाई देते ही पहले से इंतजार में बैठे एक वर्ग ने इसे हाथों-हाथ ले लिया और मोहम्मद शमी के धर्म को आधार बनाकर कहने लगा कि उन्हें एक मुसलमान होने की सजा दी जा रही है।
भारतीय टीम की हार से निराश क्रिकेट प्रेमियों ने विराट कोहली और रोहित शर्मा समेत भारत के बहुत सारे खिलाडिय़ों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। इस मौके का फायदा उठाते हुए पाकिस्तान ने एक बड़ी साजिश को अंजाम दे दिया। उसने भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को ट्रोल करना शुरू कर दिया। भारत के साथ ही अतंर्राष्ट्रीय मीडिया में भी मोहम्मद शमी की ट्रोलिंग हेडलाइन बन गई। जब इस ट्रोलिंग की गहराई से जांच की गई, तो वो बिल्कुल फर्जी निकली। पाकिस्तान में बैठे कुछ खास लोगों ने सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग की थी।
दरअसल फर्जी ट्रोलिंग के लिए सोशल मीडिया पर फर्जी नामों से नए अकाउंट क्रिएट किए गए थे और फिर उन अकाउंट्स से इस्लाम को हथियार बनाकर भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा शुरू कर दिया। उनका मकसद भारत में मौजूद टुकड़े टुकड़े गैंग के सदस्यों की मदद करना था, ताकि फर्जी ट्रोलिंग से एक बहुत बड़ी खबर बनायी जा सके और फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत और हिन्दुओं को बदनाम किया जा सके। वे इसके जारिए बताना चाहते थे कि भारत में मुसलमान खिलाडिय़ों की कोई इज्जत नहीं है। उनके साथ भेदभाव किया जाता है।
मोहम्मद कामरान नामक एक व्यक्ति ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा- ‘वेल डन आईएसआई एजेंट मोहम्मद शमी..हमें आप पर गर्व है।Ó इसके प्रोफाइल में लिखा है कि ये पाकिस्तान के कराची में रहता है। इसके ट्विटर पर पर सिर्फ 164 फॉलोअर्स हैं। वहीं सुगर काका नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया- ‘शमी अब बस मुसलमान होने का सबूत दें।Ó ये व्यक्ति भी पाकिस्तान के इस्लामाबाद शहर में रहता है। इसी तरह पाकिस्तानी न्यूज चैनल समा टीवी के लिए काम करने वाले एक पत्रकार ने लिखा- शमी, ‘पाकिस्तान की तरफ से खेल रहे हैं।Ó इसी तरह कुछ और गिने चुने ट्विटर हैंडल से शमी के खिलाफ ट्वीट किए गए और इनमें से ज्यादातर हैंडल या तो फेक थे, या फिर इन्हें सिर्फ मोहम्मद शमी को ट्रोल करने के लिए ही क्रिएट किया गया था जिन पर न तो कोई पुराना ट्वीट था और न ही फॉलोअर्स थे।