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स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों को पीएम का कार्यक्रम देखने का दिया गया आदेश! सपा ने ले ली चुटकी

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वाराणसी
‘पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन’ की शुरुआत के लिए सोमवार को आयोजित कार्यक्रम के प्रसारण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने के लिए वाराणसी जिले के सरकारी स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने-अपने केंद्र पर उपस्थित रहने के कथित प्रशासनिक आदेश को लेकर विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्‍ता मनोज राय धुपचंडी ने जिलाधिकारी का एक कथित आदेश टैग करते हुए ट्वीट किया कि अब डॉक्टरों को जबरदस्ती प्रधानमंत्री का भाषण सुनाने की जरूरत पड़ने लगी है, भाजपा सरकार को।

इस संदर्भ में पूछे जाने पर मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी डॉक्टर वी. बी. सिंह ने कहा, ‘ऊपर से आदेश आया था कि सभी स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारियों को अपने केंद्र पर रहकर प्रधानमंत्री का कार्यक्रम सुनना है। इनमें डॉक्‍टर, पैरामेडिकल और आयुष विभाग के स्टाफ शामिल थे।’ उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से देश के ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर बुनियादी ढांचा तैयार करने के लक्ष्य से ‘पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन’ की सोमवार को शुरूआत की। उन्होंने काशी के लिए 5,189 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 28 विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया।

एक आदेश हो रहा है वायरल!
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर वाराणसी के जिलाधिकारी कार्यालय का एक कथित आदेश वायरल हो रहा है जिसमें जिले के मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अधिकारी और जिला होम्योपैथिक अधिकारी को यह व्यवस्था करने की हिदायत दी गई है कि डॉक्टर, पैरामेडिकल और आयुष विभाग के कर्मचारी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का प्रसारण देखने के लिए अपने केंद्र पर मौजूद रहें। इस सिलसिले में प्रतिक्रिया के लिए जिलाधिकारी से संपर्क नहीं हो सका और इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी कि जिलाधिकारी की ओर से ऐसा कोई आदेश जारी किया गया है या नहीं।

‘जबरदस्ती जनता पर थोपना चाहते हैं’
सपा प्रवक्ता धुपचंडी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता की बात सुनते नहीं, सिर्फ अपनी बात जबरदस्ती जनता पर थोपना चाहते हैं।’ उन्होंने दावा किया,‘अब कोई मोदी की बात सुनना नहीं चाहता, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार को उनकी (मोदी) बात सुनाने के लिए इस तरह का फरमान देना पड़ता है। इससे साबित होता है कि जनता भाजपा सरकार से पूरी तरह ऊब चुकी है।’