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 एनओसी के फेर में आरसी से नहीं कट रहा वाहन लोन, दूसरी एनओसी के लिए करनी पड़ रही जेब ढीली 

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बैंक और फाइनेंस कंपनियों के जारी की गई एनओसी का सत्यापन समय से नहीं करने के कारण वाहन स्वामियों को दूसरी एनओसी लेने के लिए जेब ढीली करनी पड़ रही है। इस वहज से वाहन स्वामी दूसरी एनओसी के लिए बैंक और फाइनेंस कंपनियों के चक्कर काट रहे हैं।

केस एक: कंकरखेड़ा निवासी अंशु गोयल ने अपनी महेंद्रा एक्सयूवी 500 गाड़ी महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंसियल सर्विसेज लिमिटेड से फाइनेंस कराई थी। गाड़ी का लोन चुकता होने के बाद अंशु ने तीन महीने पहले गाड़ी की आरसी से वाहन ऋण (हाइपोथिकेशन) खत्म कराने के लिए फाइनेंस कंपनी से एनओसी लेकर आरटीओ में जमा की थी। एनओसी वैधता के निर्धारित 90 दिन पूरे होने और सत्यापन के अभाव में एनओसी निरस्त हो गई। इसके बाद अंशु को एक हजार रुपये देकर दोबारा एनओसी लेनी पड़ी है।

केस नंबर दो: कंकरखेड़ा निवासी दिपांशु पाल ने अपनी हीरो स्प्लैंडर मोटरसाइकिल हीरे फिनकॉर्प लिमिटेड से फाइनेंस कराई थी। आरसी से हाईपोथिकेशन (लोन) कटवाने के लिए फाइनेंस कंपनी से एनओसी लेकर गत 14 सितंबर को आरटीओ में आवेदन किया था। जारी एनओसी की सत्यता पता करने के लिए आरटीओ से 14 सितंबर को ही रजिस्टर्ड लेटर और ई-मेल भेज दिया था। लेकिन अभी तक कंपनी जारी एनओसी के संबंध में कोई जवाब नहीं भेजा है।

इस तरह के ये दो ही मामले नहीं है बल्कि अनेक मामले हैं जो एनओसी के सत्यापन के अभाव में ने केवल आरटीओ में लटके पड़े है बल्कि निर्धारित समय निकलने के बाद वाहन स्वामी को दोबारा एनओसी निकलवानी पड़ती है और दोबारा आवेदन करना पड़ता है। इस क्रम में वाहन स्वामी की जेब पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है।

ये की गई है वाहन से हाइपोथिकेशन कटवाने की व्यवस्था
काम में पारदर्शिता लाने के लिए परिवहन विभाग ने आरसी से हाइपोथिकेशन कटवाने की प्रक्रिया ऑनलाइन की हुई है। फर्जी एनओसी के जरिये कई वाहनों की हाइपोथिकेशन कटवाने के मामले सामने आने के बाद परिवहन विभाग ने वाहन को फाइनेंस करने वाले बैंक और फाइनेंस कंपनी से जारी की गई एनओसी की सत्यता का पता करने की व्यवस्था कर रखी है। आरटीओ इसकी जानकारी करने के लिए उक्त फाइनेंस कंपनी को रजिस्टर्ड लेटर भेजता है और साथ ही मेल भी भेजता है। फाइनेंस कंपनी से एनओसी का जवाब मिलने के बाद आरसी से हाइपोथिकेशन काटकर वाहन स्वामी को नई आरसी जार कर दी जाती है।

90 दिन की होती है एनओसी की वैधता
फाइनेंस कंपनी द्वारा जारी वाहन की एनओसी की वैधता 90 दिन की होती है। इस अवधि के अंदर ही वाहन स्वामी को आरसी से हाइपोथिकेशन कटवाने का आवेदन करना होता है और आरटीओ से की जा रही एनओसी की सत्यता का जवाब भी इस अवधि में ही देना होता है। ऐसा नहीं होने पर एनओसी की वैधता खत्म हो जाती है और वाहन स्वामी को दूसरी एनओसी लेनी होती है। इसके लिए फाइनेंस कंपनी 500 से 1000 रुपये फीस वसूल करती है। साथ ही आवेदन की प्रक्रिया दोबारा करनी पड़ती है। इससे वाहन स्वामी को समय और पैसा खर्च होने के साथ ही परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है।