Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Editorial: बॉर्डर वाले इलाके में मोदी सरकार ने बढ़ाया सेना का दायरा सकारात्मक फैसला

15-10-2021

देश की सीमाओं की सुरक्षा के प्रति अपनी कटिबद्धता के मामले में मोदी सरकार का कोई सानी नहीं है। बालाकोट एयर स्ट्राइक से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक तक के लिए सेना को खुली छूट देना हो, या चीनी पीएलए के सामने भारतीय सेना को मजबूत करने के प्रयासज्सभी इस बात का संकेत हैं कि मोदी सरकार सुरक्षा पर किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं करने वाली है। लेकिन पंजाब और पश्चिम बंगाल, ये दो राज्य ऐसे हैं जहां की सरकारों की नीतियां सेना के कामकाज में सबसे अधिक हस्तक्षेप करती हैं! ये दोनो ही राज्य भारत की संप्रभुता के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन दोनों राज्यों की राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए भारत सरकार ने दोंनो राज्यों में देश की सुरक्षा कर रही बीएसएफ को पहले से अधिक ताकत दी है, जो कि एक सकारात्मक फैसला है।
गृह मंत्रालय द्वारा संचालित देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात रहने वाला सीमा सुरक्षा बल (क्चस्स्न) भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। सीमा पर होने वाले सीजफायर के उल्लंघन को कंट्रोल करना हो या फिर भारत में घुसपैठ करने वाले आतंकियों को पकडऩा, सारा काम बीएसएफ द्वारा ही किय जाता है। इसके विपरीत राजनीतिक तुष्टीकरण से लेकर वैचारिक मतभेदों के कारण कुछ राज्यों में बैठी सरकारें बीएसएफ के कार्यों में अंडग़ा लगाती रहती थी। ऐसे में अब केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने नया आदेश जारी कर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी की है। पहले बीएसएफ को सीमा से मात्र 15 किलोमीटर के दायरे में सीमित करके रखा गया था, लेकिन अब गृहमंत्री अमित शाह के निर्देशों के बाद ये दायरा 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी कर दिया गया है।
गृह मंत्रालय के इस फैसले से पंजाब में राजनीति तेज हो गई है। राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, “मैं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार देने के सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, जो संघवाद पर सीधा हमला है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस तर्कहीन फैसले को तुरंत वापस लेने का आग्रह करता हूं।”
स्पष्ट है कि पंजाब में इस मुद्दे पर राजनीतिक नौटंकी शुरु हो गई है। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि सीएम पद छोडऩे के बाद से ही कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार राज्य में पाकिस्तान से होने वाली घुसपैठ और सिद्धू के पाक प्रेम को लेकर सुरक्षा की दृष्टि से चिंतित थे। गृहमंत्रालय का फैसला आने के बाद ये माना जा रहा है कि कैप्टन इसी चिंता को लेकर लगातार केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर रहे हैं।
पंजाब की तरह पश्चिम बंगाल की स्थिति भी असमंजस वाली ही है। ममता सरकार की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति के कारण ही बांग्लादेश से आसानी से घुसपैठ हो जाती है! इतना ही नहीं, ममता सरकार इन लोगों को जमीन तक का अधिकार दे चुकी है। इसके विपरीत गो-तस्करी से लेकर मानव तस्करी तक के मुद्दे पर ममता सरकार बीएसएफ के कामों में अड़ंगा लगाती रही है। बीएसएफ अपने अधिकार क्षेत्र के तहत काम करते हुए लगातार सफलता पा रही है, लेकिन इस अधिकार क्षेत्र को विस्तार देने की आवश्यकता थी, और इस आवश्यकता को मोदी सरकार ने एक झटके में ही पूरा कर दिया है।