पंजाब के सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री राज कुमार वेरका ने आज कहा कि कथित पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच की जा रही है और प्रारंभिक रिपोर्टों के बाद, पांच अधिकारियों और कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी किया गया है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पांचों में उप निदेशक परमिंदर सिंह गिल, डीसीएफए चरणजीत सिंह, एसओ मुकेश भाटिया, अधीक्षक राजिंदर चोपड़ा और वरिष्ठ सहायक राकेश अरोड़ा शामिल हैं।
वेरका ने कहा कि कथित घोटाले में शामिल पाए गए लोगों पर जल्द ही कार्रवाई होगी और वह व्यक्तिगत रूप से एक पारदर्शी जांच सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने कहा कि जिन कॉलेजों ने एससी स्कॉलरशिप फंड में हेराफेरी की और राशि वापस करने में विफल रहे, उन्हें सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि उन्होंने विभाग के अधिकारियों को ऐसे संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने और दैनिक आधार पर कार्रवाई की रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है। वेरका ने कहा कि 117 दोषी कॉलेजों से 100 करोड़ रुपये वसूल किए जाने थे, जिन्होंने छात्रवृत्ति योजना के तहत अवैध रूप से लाभ लिया था। — टीएनएस
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