लखीमपुर खीरी
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों का सामान्य सा प्रदर्शन शाम होते-होते हिंसा की आग में सुलग गया। किसानों से टकराव के बीच प्रमुख रूप से स्थानीय सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के साथ ही उनके बेटे आशीष मिश्र का नाम सामने आ रहा है। करीब 20 दिन पहले अजय मिश्र का उनका वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह प्रदर्शनकारी किसानों को 2 मिनट में सुधारने की धमकी देते नजर आ रहे हैं। लेकिन खुद सांसद का भी एक इतिहास रहा है, जिसमें खून के छींटे भी शामिल हैं।
सांसद अजय मिश्र को क्षेत्र में ‘महाराज’ कहा जाता है। एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले अजय राजनीति में उतरने से पहले वह वकालत भी करते थे। इलाके में उनकी दबंग की छवि थी। वह पहलवानी भी किया करते थे। दो दशक पूर्व टेनी पर तस्करी का भी आरोप लगा था, लेकिन बाद में मामला दब गया। इतना ही नहीं एक हत्या केस में भी उनका नाम सामने आया था।
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18 साल पहले वर्ष 2003 में तिकोनिया के रहने वाले 24 वर्षीय प्रभात गुप्ता की कस्बे में ही गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में अजय मिश्र नामजद थे। हालांकि बाद में वह बरी हो गए। इसी मामले की सुनवाई के दौरान टेनी को कोर्ट में गोली मार दी गई थी, जिसमें वह मामूली रूप से घायल भी हुए थे। 2004 में स्थानीय अदालत ने उन्हें आरोपमुक्त कर दिया। इसके बाद उन्होंने राजनीति में अपनी राहें तलाशनी शुरू कर दी।
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राजनीतिक सफर की बात करें तो अजय मिश्र ने 12 सालों के अंदर ही जिला पंचायत से लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री तक का सफर तय किया। वर्ष 2009 में वह जिला पंचायत सदस्य बने। फिर 2012 में निघासन सीट से विधायक चुने गए। 2014 में बीजेपी ने खीरी लोकसभा सीट से टिकट दे दिया। उन्होंने करीब 1 लाख 10 हजार मतों के अंतर से बीएसपी के उम्मीदवार अरविंद गिरि को हराया। 2019 के चुनाव में भी उन्होंने समाजवादी पार्टी की पूर्वी वर्मा को रेकॉर्ड सवा दो लाख मतों से हराया।
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हाल ही में हुए मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार में अजय राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली और उन्हें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। वहीं, उनके पुत्र आशीष मिश्र उर्फ मोनू भी आगामी चुनावों के लिए निघासन सीट से विधायकी के टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में अब तक कुल 8 लोगों की जान गई है, इनमें 4 किसानों के साथ ही 4 बीजेपी कार्यकर्ता भी बताए जा रहे हैं।
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दरअसल, कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने अजय मिश्र टेनी को भी काला झंडा दिखाया था। इससे नाराज हुए टेनी ने कुछ दिनों पहले मंच से भाषण देते हुए किसानों को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा, ‘अगर हम गाड़ी से उतर जाते तो उन्हें (काले झंडे दिखाने वालों को) भागने का रास्ता नहीं मिलता। कृषि कानून को लेकर केवल 10-15 लोग शोर मचा रहे हैं। सुधर जाओ, नहीं तो सामना करो, वरना हम सुधार देंगे दो मिनट लगेंगे। विधायक-सांसद से बनने से पहले से लोग मेरे विषय में जानते होंगे कि मैं चुनौती से भागता नहीं हूं।’
टेनी के इस बयान से किसानों में गुस्सा था। इसके बाद से ही लगातार किसानों का छुटपुट आंदोलन अलग-अलग जगह पर चल रहा था। रविवार को डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम की जानकारी किसानों को मिली, उन्होंने उनका विरोध करने और काले झंडे दिखाने का फैसला कर लिया। तभी एक काली जीप ने कुछ किसानों को टक्कर मार दी। इसके बाद हिंसा और आगजनी हो गई।
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