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बागपत
ग्राम पंचायत स्तर पर बागपत जिले में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार मिला है। मामला पकड़ में आने के बाद शासन के निर्देश पर 15 ग्राम पंचायत अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है।
कोरोना महामारी को बहाना बनाकर 40 लाख से अधिक तक की धनराशि ग्राम विकास अधिकारियों ने निकाली है। जिले में ऐसे 15 ग्राम पंचायत अधिकारी मिले हैं। प्रत्येक अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 40-40 लाख या इससे अधिक तक की धनराशि खाते से निकाल ली। इस राशि का पूरा लेखा-जोखा भी उनके पास नहीं है।
दोषी पाए जाने पर होगी रिकवरी
सीडीओ रंजीत सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर पूर्व के ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर आ गई और ग्राम विकास अधिकारियों को कुछ जिम्मेदारियां प्रशासन की ओर से दी गई थी। कोरोना से बचाव के लिए ग्राम पंचायत अधिकारियों को खाते से राशि निकालकर बचाव के निर्देश दिए गए, लेकिन एक दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों ने जरूरत से ज्यादा पैसा निकाला है। शासन स्तर पर यह मामला पकड़ में आया है। शासन से मिले निर्देश के बाद जिले के 15 ग्राम पंचायत अधिकारियों के इस भ्रष्टाचार की जांच शुरू कर दी गई है। दोषी पाए जाने पर सरकारी धन की रिकवरी की जाएगी।
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भ्रष्टाचार के खिलाफ ग्राम पंचायत अधिकारी ही कर रहे हैं भूख हड़ताल
बागपत जिले के सैकड़ों ग्राम पंचायत अधिकारी विकास भवन पर भ्रष्टाचार के खिलाफ 7 दिन से धरना दे रहे हैं। दो दिन से उन्होंने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है। बागपत के जिला विकास अधिकारी बनवारी सिंह और पंचायत राज विभाग मंत्री भूपेंद्र सिंह पर ग्राम पंचायत अधिकारियों ने प्रत्येक ब्लॉक से 50-50 हजार रुपये मांगने का गंभीर आरोप लगाया है।
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