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मेरठ-बुलंदशहर हाईवे के ऊपर से गुजरेगा, चार चरणों का डिजाइन तय, 16 लेन का होगा टोल प्लाजा

मेरठ से प्रयागराज तक बनाए जाने वाले गंगा एक्सप्रेसवे के लिए डिजाइन फाइनल कर दिया है। एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी ने चार चरणों में बनाए जाने वाले डिजाइन को तैयार किया है। यूपीडा ने सभी चारों चरणों में किए जाने वाले कार्य के डिजाइन को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। हाल ही में कैबिनेट में एक्सप्रेसवे के बिड डॉक्यूमेंट को मंजूरी दी थी। इसके बाद ही डिजाइन फाइनल कर अपलोड किया गया है। इसमें बिजौली से एक्सप्रेसवे की शुरुआत की जाएगी। मेरठ को पहले चरण में ही शामिल किया गया है। एक्सप्रेसवे के शुरुआती और अंतिम केेंद्र पर 16 लेन का टोल प्लाजा बनाया जाएगा।

594 किमी में बनाए जाने वाले एक्सप्रेसवे के डिजाइन में हर एक किलोमीटर को डिजाइन में दिखाया गया है। किलोमीटर के आधार पर ही गांवों को जोड़ने वाले रास्तों पर अंडरपास की सुविधा दी गई है। नदी, रेलवे लाइन पर बनाए जाने वाले पुलों को भी दिखाया गया है।

अब डिजाइन डाक्यूमेंट अपलोड होने के बाद बिड डाक्युमेंट अपलोड किया जाएगा। जिससे कंपनी एक्सप्रेसवे के डिजाइन को जानकर प्रक्रिया में भाग ले सके। इससे कंपनी को भी देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे का दावा करने वाली प्रदेश सरकार के डिजाइन को समझने में कोई दिक्कत न हो सके।

मेरठ-बुलंदशहर हाईवे के ऊपर से गुजरेगा गंगा एक्सप्रेसवे
बिजौली गांव से शुरू किए जाने वाले इस एक्सप्रेसवे को मेरठ-बुलंदशहर हाईवे के ऊपर से गुजारा जाएगा। एक किलोमीटर का गोल चक्कर बनाया जाएगा। 13.400 किमी यानि एक्सप्रेसवे के शुरुआती केंद्र से पांच किमी दूरी पर पहला टोल प्लाजा बनाया जाएगा। मेरठ और हापुड़ के बीच में टोल प्लाजा बनेगा।

एक्सप्रेसवे किनारे ये होंगी सुविधाएं
डिजाइन में एक्सप्रेसवे के किनारे दी जाने वाली सुविधाओं को भी दिखाया गया है। इसमें कार, बस के लिए पार्किंग, पेट्रोल पंप, इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, सर्विस स्टेशन, फूड आउटलेट, ढाबा, पानी पीने के बूथ, शौचालय ब्लॉक को शामिल किया गया। इस सुविधाओं को देने के लिए 250 मीटर लंबा और 200 मीटर चौड़ा स्थान लिया जाएगा।

डिजाइन में ये दिखाए गए
अंडरपास, ब्रिज, रेलवे ओवर ब्रिज, आरईवॉल, प्रस्तावित एक्सप्रेसवे किनारा आदि शामिल किए गए हैं।