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अयोध्या दौरा: ओवैसी अपने पूर्वजों की धरती पर आ रहे हैं, स्वागत तो होना चाहिए, वाराणसी में ऋतेश्वर महाराज बोले

श्री आनंदम निधि वन धाम वृंदावन के पीठाधीश्वर ऋतेश्वर महाराज ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या सभी का स्वागत करती है। अगर कोई दुर्भावना के साथ आ रहा है तो उसका विरोध जरूर होना चाहिए। ओवैसी अपने पूर्वजों की धरती पर आ रहे हैं तो उनका स्वागत होना चाहिए क्योंकि भारत में रहने वाले सभी भारतवासी हैं। सोमवार को वाराणसी के डीरेका में प्रेसवार्ता के दौरान ऋतेश्वर महाराज ने कहा कि वह धर्म प्रचार के साथ ही मतदाताओं को जागरूक करने निकले हैं।

ऋतेश्वर महाराज ने कहा कि किसान अन्नदाता हैं। उनके आंदोलन को पूरा समर्थन है। धर्म और राजनीति के सवाल पर कहा कि राजनीति में अगर धर्म नहीं होगा तब सिर्फ अधर्म होगा। कृष्ण और राम की नीतियों के अनुसार राजनीति होगी तभी जनकल्याण होगा।

…अब मथुरा-काशी की बारी पर बोले
अयोध्या के बाद अब मथुरा, काशी के लिए संत लड़ेंगे के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारी कोई संपत्ति थी, उस पर किसी का कब्जा हो गया उस समय हम कमजोर थे, लेकिन अब हम सशक्त हैं। यह तो सबको पता है कि कौन मंदिर है और कौन मस्जिद। वृंदावन से निकली जनजागरण यात्रा में जनता से संस्कार, संस्कृति और रोजगार देने वाली सरकार को चुनने की अपील की जाएगी। हिंदुस्तान में धर्म जागरण एवं जन जागरण के उद्देश्य से यह यात्रा परिजनों के साथ श्री धाम वृंदावन से प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या होते हुए बाबा विश्वनाथ की पावन नगरी काशी  पहुंची है। धर्म सिर्फ टीका, तिलक और अगरबत्तियों का नाम नहीं है।

बता दें कि एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के अयोध्या दौरे का विरोध शुरू हो गया। अयोध्या में बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने विगत दिनों ओवैसी के दौरे का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग ओवैसी से सावधान रहें। इकबाल ने कहा कि ओवैसी को उत्तर प्रदेश नहीं आना चाहिए। वह हैदराबाद के हैं और अपना हैदराबाद देखें। उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के साथ खिलवाड़ नहीं करें।