फिरोजाबाद
उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद समेत छह जिलों में रहस्यमयी वायरल का कहर जारी है। 24 घंटों के अंदर सिर्फ फिरोजाबाद जिले में 12 और बच्चों की मौत हो गई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में तेज वायरल बुखार ने पिछले एक सप्ताह के अंदर 40 बच्चों सहित 68 लोगों की जान ले ली है।
आगरा, मथुरा, मैनपुरी, एटा और कासगंज जिलों से बड़ी संख्या में इस तरह के तेज वायरल बुखार के मामले सामने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा फिरोजाबाद जिला प्रभावित है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि पूर्वी यूपी से भी वायरल बुखार के कुछ मामले सामने आए हैं।
घरों और प्राइवेट अस्पतालों में मरने वालों के आंकड़े नहीं
ग्रामीण इलाकों में स्थिति बुरी तरह प्रभावित होने के कारण कई मरीजों को आगरा और अन्य शहरों में ट्रांसफर किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी दवा लेकर ग्रामीणों तक पहुंच रही हैं। लेकिन, ग्रामीण क्षेत्रों में निजी अस्पतालों और घर पर मरने वालों का कोई रेकॉर्ड नहीं है।
हो रहा अध्ययन
फिरोजाबाद के विधायक मनीष असिजा ने कहा कि जिलों की स्थिति चिंताजनक है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नीता कुलश्रेष्ठ ने कहा कि बारह बच्चे पिछले 24 घंटों में वायरल बुखार से मर गए हैं। इस वायरल और मरनेवाले लोगों के सटीक कारणों का अध्ययन किया जा रहा है।
किसी में भी नहीं मिला कोविड पॉजिटिव
सीएमओ ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में सभी मरीजों का कोविड-19 के लिए परीक्षण किया जाता है और अब तक वायरल संक्रमण के किसी भी मामले में कोविड पॉजिटिव नहीं आया है।
सीएमएस ने कहा, ‘वायरल बुखार के मरीजों को कोविड -19 वार्डों में भर्ती कराया जा रहा है। डॉक्टर और पैरामेडिक्स अलर्ट पर हैं। बुखार की तीव्रता चिंताजनक है। बच्चों को ठीक होने में दो सप्ताह का समय लग रहा है।
डेंगू जैसे लक्षण
फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज में स्थिति विकट है जहां 135 में से 72 बच्चे जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि उनमें से 50 फीसदी से अधिक में डेंगू के लक्षण हैं। अन्य मामलों में भी यही देखा गया। इस वायरल के लक्षण डेंगू जैसे हैं।
102 से ऊपर आ रहा बुखार
यह अजीब वायरल ऐसा है कि मरीजों को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है। उन्हें तेज बुखार आ रहा है। बुखार इतना तेज होता है कि यह 102 डिग्री से ऊपर चढ़ रहा है। एक बार बुखार आने के बाद यह बढ़ता ही जा रहा है।
डीहाइड्रेशन और प्लेटलेट्स काउंट कम होना
इस वायरल में लोगों की डीहाइड्रेशन से भी मौत हो रही है। मरीजों का गलता सूखता है। डॉक्टरों की मानें तेज बुखार के कारण ही डीहाइड्रेशन हो रहा है। अधिकांश मरने वालों में बच्चे हैं। उनके शरीर में पानी की कमी हो रही है। इसके अलावा प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं। इलाज के दौरान प्लेटलेट्स नहीं बढ़ पा रहे और मरीज दम तोड़ रहे हैं। कई मामलों में तो प्लेटलेट्स चढ़ाए गए लेकिन फिर भी शरीर में नहीं बढ़े।
वायरल कम होने में लग रहा 10 दिन का समय
सामान्य वायरल 5 दिनों में उतर जाता है लेकिन यह वायरल 10 दिनों तक कम नहीं हो रहा है। डॉक्टर इसे रहस्यमयी इसीलिए मान रहे हैं कि यह सामान्य वायरल से अलग है। 10 से 12 दिन के बाद फीवर कम होना शुरू हो रहा है। रिकवरी का समय ज्यादा लगने के कारण अस्पतालों में उन्हें ज्यादा दिन भर्ती रखना पड़ रहा है और इसीलिए अस्पतालों में बेड फुल हैं।
बरतें सावधानियां
– घर और आसपास सफाई रखें, पानी एकत्र न होने दें।
– ताजा और सादा खाना ही खाएं, ज्यादा तले-भुने से परहेज करें।
– साफ या उबला पानी खूब पिएं, दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं
– फीवर होने पर नापते रहें और चार्ट बनाएं।
– बुखार होने पर प्लेन पैरासीटामॉल लें और डॉक्टर को जरूर दिखाएं
– बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दर्द की या अन्य दवा न लें
– भरपूर नींद लें, वॉक और योगा करें
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