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द्रोणाचार्य के बिना कैसे तैयार होंगे अर्जुन, वाराणसी के स्पोर्ट्स स्टेडियम की ये है हकीकत

अभिषेक कुमार झा, वाराणसी
तोक्यो ओलंपिक में भारत का सीना गर्व से चौड़ा करने वाले खिलाड़ियों पर खूब धनवर्षा हो रही है। सरकारें खेल को बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह की घोषणाएं कर रही हैं। अभी हाल ही में यूपी सरकार ने कुश्ती को गोद लिया है, लेकिन इसके उलट वाराणसी से एक खबर सामने आई है। वाराणसी के सम्पूर्णानन्द स्पोर्ट्स स्टेडियम में 20 खेलों के खिलाड़ी अभ्यास करने सुबह-शाम पहुंचते हैं, लेकिन कोच सिर्फ फुटबाल के ही हैं। बाकी खेलों के कोच का कुछ पता नहीं है। अब ऐसे में कैसे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारी कर सकेगा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने खेलो इंडिया के तहत खिलाड़ियों को हर सुविधा उपलब्ध कराने की बात कई बार कह चुके हैं।

हॉकी का नहीं है कोच
तोक्यो ओलंपिक में 45 साल बाद पुरुष हॉकी टीम ने मेडल जीता तो सभी ने कहा कि हॉकी का फिर स्वर्णिम दौर आएगा, लेकिन हकीकत में स्टेडियम में अभ्यास करने आने वाले खिलड़ियों को बिना हॉकी कोच के ही प्रैक्टिस करनी पड़ रही है।

सीनियर प्लेयर दिलशाद अहमद यहां आने वाले लड़के-लड़कियों को हॉकी की बारीकियां सिखाते हैं। उनका कहना है कि कोच में जो बात होती है वो मुझमें नहीं है। मैं उतना ही बताऊंगा, जितना मुझे आता है, लेकिन कोच हमेशा खेल और खेल को खेलने के तरीके पर स्टडी करते हैं। दिलशाद ने NBT ऑनलाइन को बताया कि सिर्फ हॉकी का कोच ही नहीं, यहां स्टेडियम में मार्किंग तक नहीं है, गोल पोस्ट नहीं है। आखिर हम कैसे इस राष्ट्रीय खेल को संजीवनी दे पाएंगे।

सम्पूर्णानंद स्टेडियम में कई खेलों का अभ्यास करने आते हैं खिलाड़ी
सिगरा स्थित सम्पूर्णानंद स्टेडियम में हॉकी, बैडमिंटन, बॉक्सिंग समेत कई खेल के खिलाड़ी अभ्यास करने सुबह-शाम पहुंचते हैं। वाराणसी के सबसे समृद्ध स्टेडियम का हाल ये है कि यहां बस फुटबॉल का एक ही स्थायी कोच है। वहीं, अन्य खेलों के लिए खिलाड़ियों को या तो सीनियर खिलाड़ियों के अनुभव से सीखना पड़ता है या खुद से संघर्ष करना पड़ता है।

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बोले आरएसओ- जल्द ही मिलेंगे नए कोच
स्पोर्ट्स स्टेडियम के आरएसओ आरपी सिंह ने बताया कि कोरोना काल के बाद सरकार की मंशा के अनुरूप मैदान को खिलाड़ियों के लिए खोल दिया गया है। उन्होंने बताया कि यहां इस समय पूर्णकालिक दो कोच एक हॉकी और एक फुटबाल के हैं। हॉकी कोच बड़ा लालपुर एस्ट्रो टर्फ पर कोचिंग दे रहे हैं और यहां स्टेडियम में सिर्फ फुटबाल के ही कोच हैं, जो फुटबाल की कोचिंग दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि यहां 6 अंशकालिक कोच की नियुक्ति शासन ने की थी, पर किसी कारणवश उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। हम प्रयासरत हैं कि यहां जल्द है सभी खेलों के लिए कोच मुहैया करवाए जा सकें।