शिशु संरक्षण माह के दौरान प्रदेश के सभी आंगनबाड़ियों और टीकाकरण केन्द्रों में विशेष अभियान चलाकर बच्चों को विटामिन ‘ए‘ और आयरन फोलिक एसिड (आई.एफ.ए.) सिरप पिलाई जा रही है। अभियान में 9 माह से 5 वर्ष के लगभग 26 लाख 40 हजार लाख बच्चों को विटामिन ‘ए‘ सिरप पिलाने और 6 माह से 5 वर्ष के लगभग 27 लाख 60 हजार बच्चों को आयरन फोेलिक एसिड सिरप की खुराक देने का लक्ष्य रखा गया है। यह अभियान अगस्त माह के 27 एवं 31 तारीख के साथ-साथ सितंबर माह में 3, 7, 14, 17, 21, 24 एवं 28 तारीख को भी आयोजित होगा।
उल्लेखनीय है कि विटामिन-ए जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्वों का हिस्सा है, जो कि शरीर की कई प्रक्रियाओं के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक होता हैं। 6 माह से 5 वर्ष के बच्चों को 6-6 माह के अंतराल में विटामिन-ए पिलाना चाहिए। विटामिन-ए त्वचा, हडियों और शरीर के अन्य कोशिकाओं को मजबूत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन-ए में एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद होता हैं। विटामिन-ए आँखों की बीमारियो के खतरे को कम करता है और रंतौधी से बचाता है।
इसी तरह आयरन शरीर और दिमाग दोनों में ऑक्सीजन सप्लाई में मदद करता है जिससे शारीरिक और मानसिक दोनांे रूप से एनर्जी आती है। आयरन कम होने के कारण थका हुआ और चिड़चिडापन महसूस होता है। एनीमिया से बचाने में आयरन मददगार होता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने के लिये भी आयरन आवश्यक है।
शिशु संरक्षण माह के दौरान बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए उनका वजन लेकर अतिकुपोषित बच्चों का चिन्हांकन किया जा रहा है। कुपोषित बच्चा पाए जाने पर उसके पोषण स्तर में सुधार लाने हेतु आवश्यक सलाह के साथ उसे पोषण पुनर्वास केन्द्रों में उपचार के लिए भेजा जा रहा है।
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