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हाइलाइट्सहेल्प डेस्क से जुड़े 10 निःशुल्क शास्त्री के ऊपर प्रतिबंध लगाते हुए मंडी परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दीलगातार मिल रहीं शिकायतों के बाद मंडलायुक्त ने की कार्रवाईदीपक अग्रवाल ने कहा कि मर्यादा के अनुरूप कार्य नहीं करने वालों के लिए मंदिर में कोई स्थान नहीं हैअभिषेक कुमार झा, वाराणसी
काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की ओर से लगातार मिल रहीं शिकायतों के बाद वाराणसी मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बुधवार को एक सख्त फैसला लिया। काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के हेल्प डेस्क से जुड़े 10 निःशुल्क शास्त्री के ऊपर प्रतिबंध लगाते हुए मंडी परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी है। साथ ही उनके मंदिर में पूजा-पाठ पर भी प्रतिबंध लगाया है। इतना ही नही 2 अन्य शास्त्री और मंदिर के एक सहायक पीआरओ को नोटिस जारी किया है।
श्रद्धालुओ की ओर से लगातार मिल रही थीं शिकायतें
दरअसल, मंदिर प्रशासन को लगातार श्रद्धालुओं की ओर से शिकायत मिल रही थीं की मंदिर की व्यवस्था से जुड़े हुए शास्त्री और कर्मचारी निर्धारित शुल्क के अलावा पैसों की मांग करते हैं। हेल्प डेस्क पर तैनात इन कर्मचारियों द्वारा दर्शन और पूजा के नाम पर श्रद्धालुओं को बरगलाकर पैसों की वसूली करते हैं। साथ ही श्रद्धालुओं से इनका व्यवहार भी ठीक नहीं रहता है। इस तरह की हरकतों से लगातार मंदिर प्रशासन की छवि खराब हो रही थी। मंदिर प्रशासन की लगातार बिगड़ती छवि को देखते हुए बुधवार को मण्डलीय सभागार में वाराणसी के आयुक्त दीपक अग्रवाल ने कड़ा ऐक्शन लिया।
12 शास्त्री और एक सहायक पीआरओ पर हुई कार्रवाई
मंदिर प्रशासन के साथ जुड़े हुए 10 निशुल्क शास्त्रियों के पास रद्द कर दिए गए। साथ ही उनके मंदिर परिसर में पूजा-पाठ कराने पर रोक लगा दी गई है। वहीं, दो अन्य शास्त्रियों के खिलाफ भी मिलीं शिकायतों का संज्ञान लेकर उनको नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। इतना ही न ही मंदिर प्रशासन से जुड़े एक एपीआरओ पर श्रद्धालुओं से दुर्व्यहार की शिकायत का संज्ञान लेते हुए एपीआरओ को भी नोटिस जारी की गई है।
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आयुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा- मर्यादा के अनुरूप कार्य करें
मण्डलीय सभागार में बैठक करते हुए आयुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि मर्यादा के अनुरूप कार्य नहीं करने वालों के लिए मंदिर में कोई स्थान नहीं है। मंदिर की छवि खराब करने वाले निशुल्क शास्त्री और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। इनके खिलाफ लगातार श्रद्धालुओं की ओर से शिकायत मिल रही थी। सावन के माह में भी उनकी शिकायतें मिली थीं। इसलिए इन पर कार्रवाई की गई है।
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