अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती-2010 में हुई धांधली के मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआई अब एफआईआर में कुछ नए शामिल करने करने की तैयारी में है। सीबीआई की एक टीम उत्तर प्रदेश सचिवालय में तैनात एपीएस अभ्यर्थियों से पूछताछ के लिए लखनऊ रवाना हो गई। वहीं, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के कुछ कर्मचारियों को सीबीआई स्थित दिल्ली मुख्यालय में तलब किया गया है।
सीबीआई अपनी एफआईआर में यह स्पष्ट कर चुकी है कि एपीएस-2010 की भर्ती में 331 अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ देते हुए तीसरे चरण की कंप्यूटर ज्ञान परीक्षा के लिए क्वालीफाई कराया गया था। सूत्रों का कहना है कि इनमें से कुछ अभ्यर्थियों का अंतिम चयन भी हो गया था और वर्तमान में उत्तर प्रदेश सचिवालय में उन्हें नियुक्ति भी मिल चुकी है। सीबीआई ने इनमें से तमाम अभ्यर्थियों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए गोविंदपुर स्थित कैंप कार्यालय बुलाया था, लेकिन कुछ अभ्यर्थी नहीं पहुंचे।
सूत्रों के मुताबिक ऐसे संदिग्ध अभ्यर्थियों से पूछताछ के लिए सीबीआई की एक टीम लखनऊ रवाना हो गई है।
दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में कई दिनों तक दस्तावेज खंगालने के बाद सीबीआई ने अब आयोग के कुछ कर्मचारियों को पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित मुख्यालय तलब किया है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में एपीएस भर्ती-2010 में धांधली के लिए पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ को नामजद करने के साथ आयोग के कुछ अज्ञात अफसरों/कर्मचारियों और बाहरी अज्ञात लोगों की भूमिका को भी संदिग्ध माना है। सूत्रों का कहना है कि चयनितों और आयोग के कुछ कर्मचारियों से पूछताछ की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीबीआई अपनी एफआईआर में कुछ नए नाम शामिल करेगी।
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