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हर साल की तरह इस साल भी अगस्त माह का पहला सप्ताह ’विश्व स्तनपान सप्ताह’ के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान प्रदेश में प्रसूता एवं शिशुवती महिलाओं के बीच स्तनपान को बढ़ावा देने, शिशुओं एवं नन्हें बच्चों को रूग्णता एवं कुपोषण से बचाने एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से एक से 7 अगस्त तक जन जागरूकता के कई कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
विश्व स्तनपान सप्ताह 2021 की थीम- ’स्तनपान की रक्षा:एक साझी जिम्मेदारी’ ( Protect Breastfeeding :A Shared Responsibility ) है। वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक 2021 की थीम इस बात पर सबका ध्यान केंद्रित करती है कि कैसे स्तनपान सबके अस्तित्व, स्वास्थ्य और देखभाल में अपना योगदान देता है और इसलिए स्तनपान की सुरक्षा पूरी मानवजाति की सामूहिक जिम्मेदारी है। विश्व स्तनपान सप्ताह का उद्देश्य प्रसूता एवं शिशुवती महिलाओं के बीच स्तनपान के लिए जागरूकता बढ़ाना है, क्योंकि यह बच्चों के साथ साथ माताओं के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।
सप्ताह के दौरान स्तनपान का महत्व लोगों तक पहुंचाने के लिए जिला, विकासखण्ड एवं ग्राम स्तर पर कार्यशाला, प्रदर्शनी, फिल्म शो, परिचर्चा जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर कार्यक्रमों का वर्चुअल आयोजन होगा। जिसमें महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले के साथ जनप्रतिनिधि सहित महिला समूह और अधिक से अधिक महिलाओं को शामिल किया जाएगा। आंगनबाड़ी और ग्राम स्तर पर नारे लेखन, वॉल रायटिंग, पोस्टर-बैनर के माध्यम से स्तनपान से संबंधित महत्वपूर्ण संदेशों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा और जनजागरूकता के लिए छोटे समूहों में प्रश्नोत्तरी का अयोजन होगा। इस दौरान एक वर्ष से छोटे शिशुओं के पोषण स्तर का आंकलन किया जाएगा और टीके लगाए जाएंगे। गृहभेंट कर माताओं को स्तनपान, शिशुओें के उचित पोषण, समुचित देखभाल और स्वास्थ्य संबंधित जानकारी भी दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मां का दूध शिशु के मानसिक विकास, शिशु को डायरिया, निमोनिया, कुपोषण से बचाने और स्वस्थ्य रखने के लिए जरूरी है। बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक विकास पर स्तनपान का अहम प्रभाव पड़ता है। जिन शिशुओं को जन्म के एक घण्टे के अंदर स्तनपान नहीं कराया जाता, उनमें 33 प्रतिशत अधिक मृत्यु दर की संभावना होती है। 6 माह तक शिशु को स्तनपान कराने पर आम रोग जैसे दस्त और निमोनिया के खतरे में क्रमशः 11 और 15 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है। स्तनपान स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु को भी कम करता है।
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