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कोरोना संक्रमण से सुरक्षित जिले के 17 ग्राम पंचायत

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सुकमा 27 जुलाई। कोरोना महामारी क संक्रमण  से स्वयं को सुरक्षित रखने के लिये,  ग्रामीण इलाकों में बेहतर प्रबंधन की स्थिति देखने को मिल रही है|  दूसरी लहर के दौरान सुकमा जिले के विभिन्न ग्राम पंचायत कोरोना वायरस की पहुंच से दूर रहे। यहां के ग्रामीणों ने जागरूकता व अन्य उपायों से खुद को बचाया और सुरक्षित रखा। जिले के इन 17 गांव में छिंदगढ़ ब्लॉक से 6 गांव, कोंटा ब्लॉक के 9 गांव और सुकम के 2 गाँव शामिल है| 

      सीएमएचओ डॉ सी.बी.प्रसाद ने बताया ” जिले के कुल 17 ग्राम पंचायत कोरोना संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित रहे हैं। इसका कारण जन प्रतिनिधियों और यहां के लोगों की सजगता, एकजुटता एवं कोविड नियमों का अनुपालन करना है।  वह  सभी बधाई के पात्र हैं। ग्रामीणों क्षेत्रों में टीका लगवाने के लिये लोगों को लगातार प्रेरित किया जा रहा है। अभी खतरा पूरी तरह से टला नही है| ऐसे में जो लोग टीकाकरण से बचे हुए हैं वे आगे आकर टीका जरूर लगाएं।” 

छिंदगढ़ ब्लॉक के 6 गाँव है: गुडरा, इडजेपाल, कोडरेपाल, कावराकोपा, मारेगा, और पेडमारास व कोंटा ब्लॉक से 9 गांव बुरकालंका, गोरगुंडा, केरलापेण्डा, मुलाकिसोली, नागलगुंडा, पेंटाचीमली, रेगड़गट्टा, तेतरइ, और बागडेगूडा|  इसके अतिरिक्त  सुकमा ब्लॉक से गोंडरास, और पोरदेम शामिल है। इन सभी गांव में अब तक कोरोना संक्रमण से सम्बंधित एक भी मरीज नही मिले है।

          17 ग्राम पंचायत में शामिल कावराकोपा के ग्रामीणजन और जनप्रतिनिधि यह जनाकारी पाकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। गांव में संक्रमण नहीं फैलने का मुख्य कारण ग्रामीणों की जागरूकता और सतर्कता है जिन्होंने स्वयं संक्रमण से बचने व दूसरों को भी बचाने के लिए प्रेरणा दी।  कावराकोपा ग्राम सचिव शिवराम मांझी ने बताया कोरोना की दूसरी लहर का असर दिखते ही ग्रामीणों ने गांव के बाहर आन जाने पर रोक लगा दी|  बेहद जरूरी होने पर ही वे पूरी सावधानी के साथ बाहर गए। जिले मे लॉकडाउन की जानकारी मिलते ही गांव में नाकाबंदी कर बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई।  इस दौरान गांवों के लोग अपने घर तक ही सीमित रहे। इसके अलावा शादी विवाह व अन्य कोई सामुहिक कार्यक्रम नहीं किए गए, उन्होंने बताया

        उन्होंने बताया सीमावर्ती राज्य व बाहरी जिले में काम करने के लिये गये हुए ग्रामीणों को , फोन कर घर आने से पहले अपनी कोरोना जांच करवाने के लिए प्रेरित किया गया। इस कार्य में उनके परिजनों का भी सहयोग लिया गया। इस दौरान लोगों को बिना मास्क के घरों से बाहर न निकलने, शारीरिक दूरी का पालन करने और टीकाकरण के लिए भी प्रेरित किया गया।

       कावराकोपा ग्राम सरपंच देवती कोर्राम ने बताया: “शासन-प्रशासन द्वारा जारी कोरोना सम्बन्धी नियमों का पालन कराने पंचायत के माध्यम से कार्ययोजना बनाई गयी। पंचायत के अंतर्गत आने वाले पारा-मोहल्ला के मुखिया व वार्ड प्रमुख को विशेष जिम्मेदारी दी गयी। ग्रामीणों को सामाजिक दूरी रखने और मास्क पहनने का महत्व समझाया गया। दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को नज़दीकी क्वॉरेंटाइन सेंटर माध्यमिक शाला में रखा गया जहां उनकी नियमित कोरोना जांच होती रही जिसका असर ये हुआ कि गांवों तक कोरोना पहुंच ही नहीं पाया। यदि गांव में बाहर से आने वाले व्यक्ति की सूचना आती थी, तो ग्रामीण खुद प्रशासन को इस संबंध में सूचना देते थे। इस गांव में संक्रमण से बचाव के सारे उपायों का ही नतीजा है कि यहां अब तक कोरोना का कोई केस नहीं मिला है, जबकि आसपास के कुछ गांव में संक्रमण फैल चुका है।